मेरे एक मुस्लिम मित्र है ,बेहद सज्जन व्यक्ति है राजनीतिक विषयों
पर उनसे कभी ज्यादा चर्चा नहीं हुई ,न
वो करना पसंद करते लेकिन इस बार उन्होंने अपने मतदान के विषय में दिलचस्प वाकया
बताया ..
उन्होंने कहा कि मतदान की पूर्व संध्या पर
हमारे मुस्लिम बहुल मोहल्ले में और घर में
यह निश्चित हो गया था कि भाजपा को हराने के लिए वोट करना है ,जो प्रत्याशी भाजपा को मजबूत टक्कर दे
रहा है सिर्फ उसी को वोट देना है चाहे वो किसी भी दल का हो ,मतलब हर हाल में भाजपा को हराने के लिए
वोट देना है इसलिए काँग्रेस को वोट देना तय हुआ लेकिन घर /समाज के इस निर्णय से
मेरे मन में पूरी रात भारी उथल पुथल रही कि हम किसी को जिताने के लिए नहीं बल्कि
सिर्फ भाजपा को हराने के लिए वोट करने वाले है .बचपन से यह देखता आ रहा हूँ कि
मुस्लिम कौम (95 फीसदी) भाजपा के हमेशा खिलाफ रही है कभी 90 के
दशक में मंदिर -मस्जिद के नाम पर मुस्लिम खौफजदा थे /या किये जा रहें थे और अब 2002 के बाद गुजरात दंगो के नाम पर ..कुल
मिलाकर दूसरी पार्टी के नेताओं ने अपनी चुनावी कैम्पेन में हमेशा मुस्लिमों को
भाजपा से जम कर डराया ... खैर माहौल का असर मुझ पर भी था और मै भी भाजपा को पसंद
नहीं करता था ..इन सब के बीच मतदान करने की बारी आयी तो पिछले कई घंटो से मेरे मन
ने काँग्रेस को लेकर भारी उथल -पुथल भी थी ,मै
"काँग्रेस "को किसी भी हालत में दिल से स्वीकार नहीं कर पा रहा था ,मेरी नजर में काँग्रेस को वोट देने का
मतलब अपनी आत्मा और अपने देश के साथ गद्दारी करना था क्योंकि कांग्रेस ने अपने महा
भ्रष्टाचार से इस देश को लूट लिया था ,काँग्रेस ने सिवाए वादों के हमारी कौम
को भी क्या दिया है ?सभी पार्टियों ने हमें सिर एक ही चीज
दी है वो है सिर्फ भाजपा से डर /भाजपा से
नफरत ,नोटा का बटन मै दबाना नहीं चाहता था
..इसी उहापोह में मैंने सोचा कि हर बार भाजपा के खिलाफ वोट देते है चलो इस बार भाजपा को वोट दे कर देखते है ,मोदी को भी आजमा कर देखते है ,मोदी हमें देश से थोड़ी निकाल देगा ,देखते है वो क्या करता है ?क्या करेगा ..इसी बात को सोचते सोचते
मैंने ईवीएम मशीन में कमल का बटन दबा दिया ..वोट देने के बाद भी सोचता रहा/समझता
रहा /खुद को समझाता रहा कि क्या कर दिया लेकिन बाद में मैंने अपने आप को दृढ करते
हुए सोचा कि देश के साथ गद्दारी करने से बेहतर है अपनी कौम के साथ गद्दारी करना
..मैंने तो अपना वोट दे दिया अब जिसे जो सोचना है सोचे या कहे ...vote for change
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