Thursday, March 28, 2019

रात को बने चावल के फायदे

*रात को बने चावल के इन 5 फायदों को जानकर हैरान रह जाएंगे आप, जानिए क्या है यह राज*

1. अल्सर से छुटकारा : अगर आपको पेट में अल्सर की मुश्किल है तो बासी चावल खाएं। ये प्राकृतिक तौर पर ठंडक देते हैं। सुबह बासी चावल खाने से आपके पेट में आराम लगेगा।
2. टी या कॉफी की आदत से छुटकारा : अगर आपको सुबह दिन की शुरुआत चाय या कॉफी से करने की है और इस तलब से परेशान हैं तो बासी चावल खाएं। ये आदत छूट जाएगी।
3. ब्लडप्रेशर में फायदा : आपके शरीर को सुबह नाश्ते में चावल खाने में कई पोषक तत्व प्राप्त होते हैं। सुबह बासी चावल को खाने आपको ब्लडप्रेशर में बहुत फायदा होगा।
4. खूबसूरत हो जाएंगे बाल : चावल में आयरन, पोटेशियम और कैल्शियम की भरपूर मात्रा होती है। इतने तत्वों से भरपूर चावल सुबह खाए जाने पर शरीर में अच्छी तरह पच जाते हैं। आपके बालों के लिए ये दवा की तरह काम करेंगे।
5. पतले रहने में मदद : बासी चावल का ये गुण सबसे अधिक खास है। आमतौर पर चावल को फैट बढ़ाने वाला भोजन समझा जाता है। चावल रातभर रखे रहने पर 60 प्रतिशत तक कैलोरी खो देते हैं इसलिए ताजे बने चावल से बासी चावल खाना स्लिम रहने के लिए बेहतर है।

Wednesday, March 27, 2019

गर्मी के लाजवाब एनर्जी ड्रिंक्स

*गर्मी में प्यास बुझा कर ठंडक देंगे, ये 6 जबरदस्त एनर्जी ड्रिंक्स*
शशांक द्विवेदी

1 फ्लेवर्ड वॉटर - दिनभर पानी पी कर अगर बोर हो गए हैं तो पानी में अलग अलग फ्लेवर ट्राय कर सकते हैं। 1 ग्लास पानी में नींबू स्लाइस व खीरा स्लाइस डाल कर पी सकते हैं यह पानी का स्वाद भी बदल देगा और आपकी सेहत भी।
2 फ्लेवर्ड मिल्क या मिल्कशेक - वैसे तो बाजार में तरह तरह के फ्लेवर्ड मिल्क उपलब्ध हैं लेकिन आप घर पर भी ये ट्राय कर सकते हैं। आप दूध में इलायची रूहअफ्जा डाल कर पी सकते हैं या फिर किसी भी फ्रूट के साथ मिक्स कर मिल्कशेक बना सकते हैं। आप इसमें अलग-अलग फ्रूट्स के टुकडे भी डाल सकते हैं।
3 नींबू-पानी जो मन को भाए - गर्मियों में राहत पाने का सबसे आम व खास नुस्खा है नींबू पानी। नींबू पानी को भी आप अपने मूड और स्वाद के अनुसार बनाकर ले सकते हैं। यह विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत है।
4 छाछ बनाएं मनपसंद - घर में अगर दही या छाछ हो तो उसे पानी डालकर थोड़ा पतला करें और आप इसे अपने अनुसार स्वाद दे सकते हैं। आप चाहे तो इसमें शकर व इलायची डाल कर लस्सी बना सकते हैं या फिर भुना जीरा काली मिर्च व काला नमक डाल कर पी सकते हैं। यह पेट में ठंडक देगा।
5 कैरी पना - खट्टा-मीठा या नमकीन कैरी पना गर्मियों में आपको लू से बचने में मदद करेगा, आप चाहें तो इसे मीठा बना सकते हैं। या फिर केवल जीरा और शक्कर डालकर। इसके अलावा आप इसे जीरे और काली मिर्च व काले नमक का तड़का भी लगा सकते हैं।
6 आम रस - हर गर्मी में घर पर आए दिन बनने वाला आमरस भी आपको एक वैरायटी दे सकता है। लेकिन इसे थोड़ा पतला बनाएं ताकि आपका पेट पूरी तरह से न भरे और आप बार-बार कुछ न कुछ पी सकें।

एक्स्ट्रोवर्ट और इंट्रोवर्ट का उलझाव

बदल क्यों नहीं जाता
चंद्रभूषण
एक्स्ट्रोवर्ट और इंट्रोवर्ट के मोटे विभाजन से हम लोगों के बारे अक्सर अपनी राय बनाते हैं। लेकिन समय बीतने के साथ यह बात कितनी बेतुकी हो चली है। पैदा होते ही बच्चों पर अब बहुतेरे कैमरे फिट कर दिए जा रहे हैं। ऐसे में कोई किसी खास चीज पर कुछ न बोलना चाहे, तब भी उसके बारे में उसे चिल्लाकर बोलना पड़ता है। ऐक्टिंग और मीडिया जैसे पेशों में तो आप हर किसी से एक्स्ट्रोवर्ट होने की ही उम्मीद रखते हैं। इसका एक नतीजा यह निकलता है कि आपका सामना ज्यादातर एकरस और उथले लोगों से होता है।

उनका संबंध अगर कला-संस्कृति के गहरे रूपों से हुआ और अपने इकहरे प्रॉडक्शन में तहदारी लाने की टेक्नीक उन्होंने सीख ली, तो भी देखने वालों को तमाम तहें पार कर जाने के बाद कुछ ठोस नहीं दिखता। सर्जक ने किसी सत्य का अनुसंधान नहीं किया, सिर्फ एक सर्वज्ञात सत्य को तहों में लपेटकर रख दिया है! आप अपने दुख-सुख को अपनी त्वचा पर पहनते हैं या दिल की गहराइयों में छिपाकर रखते हैं, यह आपकी बनावट पर निर्भर करता है। इसे आप कब, कैसे उजागर करते हैं, या अपने भीतर ही लिए-लिए दुनिया से दफा हो जाते हैं, यह आपका चॉइस होना चाहिए।

बहुत पछताता हूं यह सोचकर कि औपचारिकताएं मुझसे क्यों नहीं निभतीं। फिर लगता है कि अपने ही लोग हैं, जान जाएंगे। एक साथी का किडनी ट्रांसप्लांटेशन हुआ। रात में खबर मिली, फिर नींद नहीं आई। सबेरे चार बजे सड़क पर टहलते हुए हवा के झोंके की तरह एक कविता दिमाग में आई। छंदबद्ध कविता, जो मेरे लिखे का आम मिजाज नहीं है। कुछ दिन बाद उनसे मिलने पहुंचा तो झेंप सी हुई कि जब उनके साथ खड़े होकर जिंदा रहने की उनकी कोशिशों में शरीक होना था, तब मैं उन्हें लगभग जा चुका मानकर उनका समाधि लेख लिख रहा था। बताया तो वे ठठाकर हंसे।

उनकी मृत्यु इसके तीन साल बाद हुई, जब मैं भौगोलिक रूप से उनसे काफी दूर जा चुका था। लेकिन इस बीच उनसे मिलना-जुलना दो-तीन बार ही हो पाया। चाहता तो फोन पर उनसे जुड़ा रह सकता था, लेकिन जब भी डायल करने का मन होता, यह खुटका सा लगता कि क्या अब सिर्फ बीमारी पर बतियाना होगा? फिर एक दिन वे चले गए तो लगा कि आगे से वह भी नहीं हो पाएगा।

ठीक ऐसा ही पिछले साल मां के साथ हुआ। मिलकर हंसना-रोना, धौल-धप्पा करना, इस तरह के रिश्ते कभी नहीं रहे हमारे बीच। अपनी तरफ से कोशिश न करने के पीछे शायद यह धारणा रही हो कि वह हमेशा वैसी ही दबंग, ठसकदार बनी रहेगी। उसके चले जाने के बाद यह सचाई मन में धंसी कि जाने से पहले वह बूढ़ी, कमजोर और रुआंसी हो चली थी। ऐसे पछतावे मुझे भीतर से बदल देते तो अच्छा था। लेकिन वह बदला हुआ बेहतर इंसान कोई और ही होगा, मैं नहीं।

Tuesday, March 26, 2019

बहुत लाभकारी है पके आम का सेवन

*कई सेहत समस्याओं से निजात दिला सकता है आम का सेवन, आप भी जानिए कैसे...*
 शशांक द्विवेदी
1 पका आम बहुत ही पौष्टिक होता है। इसमें प्रोटीन, विटामिन व खनिज पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट तथा शर्करा विपुल मात्रा में होते हैं।
2 आम मीठा, चिकना, शौच साफ़ लाने वाला, तृप्तिदायक, ह्रदय को बलप्रद, वीर्य की शुद्धि तथा वृद्धि करने वाला होता है। यह वायु व पित्त नाशक परंतु कफकारक है, साथ ही कांतिवर्धक, रक्त की शुद्धि करने वाला एवं भूख बढ़ाने वाला होता है। इसके नियमित सेवन से रोगप्रतिकारक शक्ति बढ़ती है।
3 शुक्रप्रमेह आदि विकारों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो, उनके लिए पका आम लाभकारक है। कलमी आम की अपेक्षा देशी आम जल्दी पचनेवाला, त्रिदोषशामक व विशेष गुणयुक्त है। रेशासहित, मीठा, पतली या छोटी गुठलीवाला आम उत्तम माना जाता है।
4 यह आमाशय, यकृत, फेफड़ों के रोग तथा अल्सर, रक्ताल्पता आदि में लाभ पहुंचाता है। इसके सेवन से रक्त, मांस आदि सप्तधातुओं तथा वसा की वृद्धि और हड्डियों का पोषण होता है। 

अंगूर के बारें में विशिष्ट जानकारी

*अंगूर के बारे में इतनी जानकारी शर्तिया आपको नहीं होगी...पढ़ें फायदे*
शशांक द्विवेदी

* यदि किसी ने धतूरा खा लिया हो, तो उसे अंगूर का सिरका दूध में मिलाकर पिलाने से काफी लाभ होता है। अंगूर मियादी बुखार, मानसिक परेशानी, पाचन की गड़बड़ी आदि भी काफी लाभकारी है।
* अंगूर में एक विशेष गुण यह भी है कि यह शरीर में मौजूद विषैले तत्वों को आसानी से शरीर से बाहर निकाल देता है। यह एक अच्छा रक्त शोधक व रक्त विकारों को दूर करने वाला फल है।
* अंगूर रक्त की क्षारीयता सन्तुलित करता है, क्योंकि रक्त में अम्ल व क्षार का अनुपात 20:80 होना चाहिए। यदि किसी कारणवश शरीर में अम्लता बढ़ा जाए, तो वह हानिकारक साबित होता है। अंगूर बढ़ती अम्लता को आसानी से कन्ट्रोल करता है।
* अंगूर का 200 ग्राम रस शरीर को उतनी ही क्षारीयता प्रदान करता है, जितना कि एक किलो 200 ग्राम बाईकार्बोनेट सोडा, हालांकि सोडा इतनी अधिक मात्रा में लिया नहीं जा सकता।
* अंगूर के रस को कलई के बर्तन में पकाकर गाढ़ा करके सोते समय आंखों में लगाने से जाला, फूला आदि नेत्र रोगों दूर हो जाते हैं।
* जिन माताओं को पर्याप्त दूध न उतरता हो, उनके लिए भी इसका सेवन लाभकारी होता है।
* अंगूर की बेल काटने से जो रस निकलता है, वह त्वचा रोगों में लाभकारी होता है।
* अंगूर के पत्तों का अर्क एक से तीन चम्मच तक लेने पर व बावासीर के मस्सों पर लगाने पर काफी लाभ मिलता है। 500 मिलीग्राम से एक ग्राम तक पत्तों की भस्म शहद से लेने से भी बवासीर में लाभ मिलता है।

Monday, March 25, 2019

गर्मियों में रखें सेहत को दुरुस्त

*गर्मियों की कई सेहत समस्याओं से निजात पाने के लिए पढ़ें, पुदीने के घरेलू नुस्खे*
शशांक द्विवेदी

1 पेट की गर्मी को कम करने के लिए पुदीने का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। इसके अलावा यह पेट से संबंधित अन्य समस्याओं से भी जल्द निजात दिलाने में लाभकारी है। इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है।
2 दिनभर बाहर रहने वाले लोगों को पैर के तलवों में जलन की शिकायत रहती है, ऐसे में उन्हें फ्रिज में रखे हुए पुदीने को पीसकर तलवों पर लगाना चाहिए ताकि तुरंत राहत मिल सके। इससे पैरों की गर्मी भी कम होगी।
3 सूखा या गीला पुदीना छाछ, दही, कच्चे आम के पने के साथ मिलाकर पीने पर पेट में होने वाली जलन दूर होगी और ठंडक मिलेगी। गर्मी हवाओं और लू से भी बचाव होगा।
4 अगर आपको अक्सर टॉंसिल्स की शिकायत रहती है और इसमें होने वाली सूजन से भी आप परेशान हैं तो पुदीने के रस में सादा पानी मिलाकर इस पानी से गरारे करना आपके लिए फायदेमंद होगा।
5 गर्मी में पुदीने की चटनी का रोजाना सेवन सेहत से जुड़े कई फायदे देता है। पुदीना, काली मिर्च, हींग, सेंधा नमक, मुनक्का, जीरा, छुहारा सबको मिलाकर चटनी पीस लें। यह चटनी पेट के कई रोगों से बचाव करती है व खाने में भी स्वादिष्ट होती है। भूख न लगने या खाने से अरुचि होने पर भी यह चटनी भूख को खोलती है।
6 पुदीने व अदरक का रस थोड़े से शहद में मिलाकर चाटने से खांसी ठीक हो जाती है। वहीं अगर आप लगातार हिचकी आने से परेशान हैं तो पुदीने में चीनी मिलाकर धीरे-धीरे चबाएं। कुछ ही देर में आप हिचकी से निजात पा लेंगे।
7 पुदीने की पत्त‍ियों का लेप करने से कई प्रकार के चर्म रोगों को खत्म किया जा सकता है। घाव भरने के लिए भी यह उत्तम है। इसके अलावा गर्मी में इसका लेप चेहरे पर लगाने से त्वचा की गर्मी समाप्त होगी और आप ताजगी का अनुभव करेंगे।

Sunday, March 24, 2019

गर्मी के मौसम में ,खानपान में करें ये बदलाव

*आ गया है गर्मी का मौसम, खानपान में शुरू कर दीजिए ये 5 बदलाव*

1 गर्मियों में आने वाले फलों में पानी की मात्रा काफी होती है, इसलिए इनका सेवन जरूर करें।जैसे तरबूज, खरबूजा, खीरा आदि को नियमित लेने से शरीर में पानी के साथ खनिज-लवणों की भी पूर्ति होती है।
2 गर्मी में सामान्य खाना जैसे दाल, चावल, सब्जी, रोटी आदि खाना ठीक रहता है। गर्मी में भूख से थोड़ा कम खाना चाहिए। इससे आपका हाजमा भी ठीक रहेगा और फुर्ती भी बनी रहेगी। इसके साथ तली हुई चीजों को ज्यादा न खाएं, यह आपका हाजमा बिगाड़ सकते हैं।
3 गर्मियों में शरीर का अधिकांश पानी पसीने के रूप में वाष्पीकृत हो जाता है। इसलिए दिन में कम से कम 4 लीटर पानी पिएं।
4 गर्मी में नारियल पानी, छाछ और लस्सी पीने से भी जल का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है। गर्मी के मौसम में तली और मसालेदार चीजें खाने की इच्छा ज्यादा होती है। लेकिन इस मौसम में इन चीजों से बचा जाना ही बेहतर होता है।
5 खाने में बहुत ज्यादा नमक भी न लें। नमकीन, मूंगफली, तले हुए पापड़-चिप्स और तेल में तले हुए खाद्य पदार्थ न ही खाएं तो बेहतर होगा।

जल्दी में खाना खाना ,मोटापे को निमंत्रण है

*अगर जल्दी में खाते हैं खाना, तो हो सकते हैं मोटापे का शिकार*
शशांक द्विवेदी

1 धीरे-धीरे और अच्छी तरह से चबाकर खाने से भोजन में लार अच्छी तरह मिल जाती है, जिससे भोजन को पचाना आसान हो जाता है। इससे आपका मेटाबॉलिज्म भी सही रहता है।
2 माना जाता है कि डायबिटीज के खतरे को कम करने के लिए भी भोजन को धीरे-धीरे चबाकर खाना चाहिए। इससे खाना तो ठीक से पचता ही है साथ ही ग्लकोज भी ठीक प्रकार से टूट कर शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है।
3 धीरे-धीरे और चबाकर खाने से पेट से जुड़ी कई समस्याएं खत्म हो जाती हैं, जैसे कब्ज व गैस आदि। धीरे-धीरे खाने से मन भी शांत रहता है और छोटी-छोटी बातों पर चिड़चिड़ाना या गुस्सा आना भी कम हो जाता है।
4 धीरे-धीरे, चबाकर खाने से भोजन करने में समय लगता है और आप ज्यादा खाने से बच जाते हैं, जिससे मोटापे जैसे परेशानी से भी बचाव होने में मदद मिलती है।


Saturday, March 23, 2019

घर के अंदर पौधे की ऐसे करें देखभाल

*क्या आपने भी घर के अंदर पौधे रखे हैं? तो ऐसे करें उनकी देखभाल*
शशांक द्विवेदी

1. जब आप लिविंग रुम में पौधे रखें तब इस बात का ख्याल रखें कि उन्हें ऐसी जगह रखें, जहां से सूरज की रोशनी उन पर पड़े। आप उन्हें खिड़कियों के पास रख सकते हैं, लेकिन यहां ये भी ध्यान दें कि बहुत तेज और कठोर रोशनी वाली जगह भी न हो क्योंकि तेज रोशनी से पौधे के पत्ते सूखकर पीले पड़ने लगते हैं और जल जाते हैं।
2. कई बार घर के अंदर रखे पौधों पर हम उतना ध्यान नहीं देते, जितना बाहर रखे पौधों पर देते हैं। ऐसे में कई बार अंदर रखे पौधे बुरी तरह से कई दिनों तक नज़रअंदाज़ हो जाते हैं या कभी ज्यादा ध्यान देकर हम उनमें ज्यादा पानी डाल देते हैं।
3. घर के अंदर रखे पौधों में भी नियमित सही मात्रा में पानी डालें और उससे पहले यह पता कर लें कि उस पौधे को ज्यादा पानी की आवश्यकता होती है या कम या वह पौधा कई दिनों तक बिना पानी के भी रह सकता है।

Friday, March 22, 2019

अत्यधिक डियो या परफ्यूम लगाने के नुकसान

*अत्यधिक डियो या परफ्यूम लगाने के शौकीन हैं तो हो जाएं सावधान, बढ़ सकती हैं ये समस्याएं*
 शशांक द्विवेदी
1 सोख लेते है त्वचा की नमी -अधिकतर परफ्यूम मे एल्कोहल मौजूद होता है, जो त्वचा से प्राकर्तिक नमी को सोख लेता है। जिसकी वजह से कई प्रकार की सेहत समस्याएं हो सकती हैं। डियो व परफ्यूम में मौजूद न्यूरोटॉक्सिन आपकी केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central nervous system) को भी प्रभावित कर सकता है।
2 हार्मोन्स का संतुलन बिगाड़ सकते हैं -अगर आप रोजाना जरूरत से ज्यादा डियो व परफ्यूम लगाते हैं, तो ये आपकी त्वचा के अदंर पहुंचकर हार्मोन्स का संतुलन भी बिगाड़ सकता है। साथ ही कई बार ये त्वचा में निशान, एलर्जी आदि की वजह भी बनते है।
3 अल्जाइमर की आशंका बढ़ा सकते हैं -कई डिआडरेंट में ऐसे केमिकल मौजूद होते है जो अल्जाइमर और सांस संबंधी समस्याओं की आशंका बढ़ा सकते हैं। साथ ही अत्यधिक तेज गंध वाले डियो व परफ्यूम नाक के तंतुओं को भी क्षतिग्रस्त कर सकते हैं।

भोजन के बाद भूलकर भी न करें ये काम

*भोजन के बाद भूलकर भी ना करें यह 5 काम, वर्ना सेहत होगी बर्बाद*
 शशांक द्विवेदी
1. ठंडा पानी: भोजन के तुंरत बाद पानी पी तो सकते हैं लेकिन बहुत ज्यादा ठंडा पानी आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। यह धमनियों को ब्लॉक भी कर सकता है।
2. सिगरेट : कई लोगों को खाना खाने के तत्काल बाद सिगरेट पीने की तलब उठती है, यह एक जहरीली आदत है इससे शरीर में हानिकारक टॉक्सिन बनते हैं। सिगरेट यूं भी एक गंदी आदत है लेकिन खाना खाने के बाद यह अत्यंत नुकसानदायक होती है।
3. फल: हम में से बहुत से लोग खाना खाने के बाद फल खाते हैं आयुर्वेद में यह भी एक गलत आदत मानी गई है। इससे भोजन की स्वाभाविक पाचन क्रिया बाधित होती है।
4. चाय या कॉफी : भोजन के बाद चाय या कॉफी तो बहुत से लोगों का प्रिय शगल होता है। लेकिन आपका यह टाइम पास आपके शरीर में खतरनाक रसायन पैदा करता है। अत: इस आदत से भी बचें।
5 . सोना : घर में रहने वाली महिलाओं में मोटापा और मधुमेह का यह सबसे बड़ा कारण है कि वे खाना खाने के तुरंत बाद सोने का उपक्रम करती है। यह आदत भी बहुत अधिक हानिकारक है। खाने और सोने के बीच कम से कम 1 घंटे का अंतराल होना चाहिए। तुरंत सोने से कई बीमारियां आपके शरीर में घर बना लेती है।

ठंडाई के कुछ बेहतरीन फायदे ..

*ठंडाई के 5 बेहतरीन फायदे, इस होली पर जरूर जान लीजिए*
 शशांक द्विवेदी
1 गर्मी के दिनों में तापमान अधिक होता है, जिससे शरीर में गर्मी बढ़ने लगती है। ठंडाई का सेवन गर्मी के इस प्रकोप को कम करता है और पेट व शरीर को शीतलता प्रदान करता है।
2 एसिडिटी, पेट में जलन, अपच जैसी समस्याएं तो इससे हल होंगी ही, पेट में अल्सर या छाले होने की स्थिति से भी ठंडाई का सेवन आपको बचाए रखेगा।
3 गर्मी के दिनों में अक्सर मुंह में छाले हो जाते हैं। इससे बचने के लिए नियमित ठंडाई का प्रयोग करें और देखें कमाल। आपको मुंह में छाले होने बंद हो जाएंगे।
4 सूखे मेवे आदि के साथ बनाई गई ठंडाई दिमाग को पोषण देने का काम करती है। यह दिमाग ठंडा रखेगी और तनाव व चिड़चिड़ेपन से भी बचाएगी।
5 पेशाब में जलन एवं दस्त, डायरिया, जी मचलाने जैसी समसयाओं से छुटकारा पाने के लिए गर्मी में ठंडाई सबसे बेहतर उपाय है।

Friday, March 15, 2019

देर रात खाना खानें से हो सकता है गंभीर नुक़सान !!

*क्या आप भी रात का खाना देर से खाते हैं? तो हो सकती हैं ये 5 गंभीर समस्याएं*
 शशांक द्विवेदी
1 पाचन शक्ति - अगर आप देर रात को भोजन करते हैं तो इसका असर आपकी पाचन शक्ति पर पड़ता है। इससे आपकी पाचन शक्ति क्षीण होती है और भोजन ठीक से नहीं पचता जिससे कब्ज, पेट साफ न होना, बवासीर एवं कोलोन व आंतों की बीमारियां हो सकती हैं।
2 मोटापा - देर रात खाना खाने के बाद सोना एवं भोजन का सही पाचन न होने से शरीर में बिना पचा भोजन कोलेस्ट्रॉल के रूप में जमा हो जाता है। यह मोटापे की सबसे बड़ी वजह बनता है।
3 अनिंद्रा - देर रात भोजन करने से न तो भोजन का पाचन होगा और ना ही आप चैन से सो पाएंगे। आपको पर्याप्त और चैन की नींद के लिए भोजन का ठीक से पाचन बेहद जरूरी है।
4 चिड़चिड़ापन - अगर आप पर्याप्त मात्रा में सुकून की नींद नहीं ले पाते, तो इसका असर आपकी मानसिक सेहत पर भी पड़ता है। दिमाग को पर्याप्त आराम नहीं मिल पाता, नतीजतन चिड़चिड़ापन पैदा होता है।
5 देर रात किया जाने वाला भोजन एसिडिटी और पेट व सीने में जलन पैदा कर सकता है, जिसका असर हृदय एवं आपके ब्लडप्रेशर पर भी पड़ता है। इसलिए कोशिश करें कि रात को समय पर भोजन करें और इन बीमारियों से बचें।

Thursday, March 14, 2019

खट्टे फलों को खानें का सही समय

*खट्टे फलों को खाली पेट खाने से बढ़ सकती है एसिडिटी, जानिए फल को खाने का सही समय*
 शशांक द्विवेदी
1 फलों को खाने के पहले या ठीक बाद में खाने से हमेशा बचें। फलों का सेवन या तो खाने के आधे घंटे पहले कर लें या फिर खाना खाने के कम से कम एक घंटा बाद तक न करें, अन्यथा आपको पाचन व एसिडिटी संबंधी समस्या हो सकती है।
2 सुबह के समय फलों का सेवन स्वास्थ्य और शरीर के लिए सबसे फायदेमंद होता है, लेकिन कुछ फल ऐसे हैं जिन्हें सुबह खाली पेट खाने से हमेशा बचना चाहिए। सीट्रिक यानि खट्टे फलों को खाली पेट खाने से एसिडिटी बढ़ सकती है।
3 अगर आप भी उन लोगों में शामिल हैं जो स्वाद बढ़ाने या हेल्थ के लिए फलों को दही या दूध के साथ खाते हैं, तो ऐसा बिल्कुल न करें। यह आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं दे सकता है।
4 कुछ फल किडनी स्टोन के मरीजों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं, इसलिए पहले पूरी जानकारी लें तभी किसी फल का सेवन करें। अगर तरबूज खा रहे हैं तो बेहतर होगा कि इसके साथ कुछ न खाएं।
5 फलों का चयन अपनी तासीर के अनुसार करें। अगर आपकी तासीर ठंडी है, तो केले, संतरा, अनानास जैसे फलों को ज्यादा न खाएं। वहीं अगर आपकी तासीर गर्म है तो आम और पपीते जैसे फलों का सेवन कम ही करें।

Wednesday, March 13, 2019

सरसों तेल के शानदार फायदे

*सरसों तेल के शानदार फायदे, जरूर जानें और अपनाएं*
 शशांक द्विवेदी
1 सरसों के तेल को बहुत पौष्टिक माना जाता है, इसलिए इसका प्रयोग खाना बनाने के लिए भी किया जाता है। इसकी तासीर गर्म होने से सर्दियों में यह अत्यंत लाभकारी माना जाता है।
2 सरसों के तेल की मालिश करने से शरीर की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और रक्त संचार भी बेहतर होता है। यह शरीर में गर्माहट पैदा करने में भी मददगार होता है।
3 दांतों की तकलीफ में सरसों के तेल में नमक मिलाकर रगड़ने से फायदा होता है, साथ ही दांत पहले से अधिक मजबूत हो जाते हैं।
4 त्वचा संबंधी समस्याओं में भी बेहद फायदेमंद होता है। यह शरीर के किसी भी भाग में फंगस को बढ़ने से रोकता है और त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
5 यह बालों की जड़ों को पोषण देकर रक्तसंचार बढ़ाता है जिससे बालों का झड़ना बंद हो जाता है। इसमें ओलिक एसिड और लीनोलिक एसिड पाया जाता है, जो बालों की ग्रोथ बढ़ाने के लिए अच्छे होते हैं।
 6  सरसों तेल को कई लोग एक टॉनिक के रूप में भी प्रयोग करते हैं। यह शरीर की कार्य क्षमता बढ़ा कर शरीर की कमजोरी को दूर करने में सहायता करता है।इस तेल की मालिश के बाद स्नान करने से शरीर और त्वचा दोनों स्वस्थ रहते हैं।
 7 ठंड के दिनों में सरसों का तेल गर्माहट के लिए रामबाण इलाज है, हल्के गर्म तेल की मसाज से रूखी-सूखी त्वचा भी नर्म, मुलायम व चिकनी हो जाती है। सरसों के तेल की मालिश से गठिया रोग और जोड़ो का दर्द भी ठीक हो जाता है।

चोकर वाले आटे के ये 5 बड़े फायदे

*रिफाइंड आटा छोड़ि‍ए, जानिए चोकर वाले आटे के ये 5 फायदे*
 शशांक द्विवेदी
1  चोकर खून में इम्यूनोग्लोब्यूलीन्स की मात्रा को बढ़ाता है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मददगार है। यह टीबी जैसी खतरनाक बीमारी से लड़ने की ताकत रखता है।
2 यह बवासीर, अपेंडिसाइटिस, बड़ी आंत एवं मलाशय के कैंसर से बचाता है और पेट साफ करने में काफी मददगार साबित होता है।
3 फाइबर से भरपूर होने के कारण चोकर युक्त आटे का प्रयोग पाचन संबंधी समस्याओं को दूर कर कब्ज की समस्या में भी लाभकारी होता है। यह आंतों में जमा मल भी निकालने में मदद करता है।
4 चोकर युक्त आटे का प्रयोग कोलेस्ट्रॉल को कम करने में अहम भूमिका निभाता है, अत: मोटापे एवं हार्ट के मरीजों के लिए चोकर युक्त आटे का प्रयोग बेहद फायदेमंद साबित होता है।
5 वजन कम करने की चाहत रखने वालों के लिए तो यह एक प्राकृतिक उपाय है, जो आपके बढ़ते वजन पर नियंत्रण रखने में कारगर साबित होता है।

चीनी है 'मीठी मौत ',उसकी जगह ये चीजें करें इस्तेमाल

*चीनी है खतरनाक, इसकी जगह इस्तेमाल करें ये 5 हेल्दी चीजें*
 शशांक द्विवेदी
1 देशी खांड और मिश्री -ये मिठास के हेल्दी विकल्प हैं जो आपको मिठास के साथ-साथ भरपूर पोषक तत्व भी देते हैं। इसमें कैल्शियम और मिनरल भरपूर मात्रा में होते हैं। चूंकि इन्हें रिफाइंड नहीं किया जाता जिसके कारण ये नुकसान की जगह आपको फायदा देते हैं।
2 कोकोनट शुगर - कोकोनट शुगर भी चीनी का बढ़ि‍या विकल्प है। इसे नारियल के पेड़ से निकलने वाले मीठे द्रव्य को इकट्ठा कर बनाया जाता है। हालांकि इसमें कैलोरी तो चीनी के बराबर ही होती है लेकिन ग्लाइसेमिक इंडेक्स शुगर से कम होती है। लेकिन आपका शरीर इसे आसानी से पचा लेता है।
3 डेट्स शुगर - खजूर हमेशा से मिठास का एक हेल्दी विकल्प रहा है। सूखे खजूर को भूनकर इन्हें पीस लें और चीनी की जगह इसका इस्तेमाल करें। हालांकि चाय कॉफी में इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता लेकिन चॉकलेट, पेस्ट्री, हलवा, केक या अन्य जगह आप इसे प्रयोग कर सकते हैं। इससे हड्डियां भी मजबूत होती हैं।
4 गुड़ - गुड़ को रिफाइंड नहीं किया जाता इसलिए यह आपको सभी पोषक तत्व देता है जिसमें विटामिन और मिनरल्स भी शामिल हैं। चूंकि इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए यह सर्दी और कफ में विशेष फायदा देता है।
5 रॉ हनी - बाजार में मिलने वाले शहद की जगह रॉ हनी यानि कच्चा शहद बेहद फायदेमंद होगा। यह न केवल आपको मिठास देगा, बल्कि वजन कंट्रोल करने में भी मदद करेगा।

Tuesday, March 12, 2019

स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है सोडा पीना ..

*सोडा पीने का शौक पड़ सकता है महंगा, जानिए ऐसे 8 कारण कि क्यों नहीं पीना चाहिए सोडा*

1 यह न केवल आपके दांतों में सड़न पैदा करता है बल्कि इसमें अत्यधिक मात्रा में मौजूद रिफाइंड शुगर, कैलोरी की मात्रा मोटापा बढ़ाने का काम करती है।
2 सिर्फ सोडा ही नहीं बल्कि ड्र‍िंकिंग सोडा जिस बॉटल या केन में बाजार में उपलब्ध है, वह भी हानिकारक है। इनमें टॉक्सिक केमिकल बिस्फेनॉल होता है, जो एक नहीं कई प्रकार की हेल्थ प्रॉब्लम्स को पैदा करता है।
3 इसमें बहुत अधिक मात्रा में शर्करा पाई जाती है। इसमें मौजूद 20 ऑन्स मात्रा ही लगभग 20 बड़े चम्मच शुगर के बराबर होती है।
4 अगर आप कैलोरी कम करने के लालच में डाइट सोडा लेना पसंद करते हैं, तो जान लीजिए कि यह आपके किडनी की कार्यक्षमता को कम करता है।
5 सोडा पीने की आदत लगना तो और भी खतनाक है। हर दिन ड्रिंकिंग सोडा का सेवन, आपके लिए डायबिटीज के खतरे को 25 प्रतिशत तक बढ़ा देता है।
6 20 ऑन्स सोडा यानि 240 कैलोरी बर्न करने के लिए आपको हर बार सोडा पीने के बाद लगभग 1 घंटा पैदल चलने की जरूरत होती है।
7 सोडा में पाया जाने वाला फास्फोरिक एसिड आपकी हड्ड‍ियों में मौजूद कैल्सियम को चुरा लेता है। इतना ही नहीं यह हड्ड‍ियों के घनत्व को भी कम कर देता है।
8 रोजाना सोडा का प्रयोग, आपके मेटाबॉलिज्म में परिवर्तन करने में काफी हद तक प्रभावी होता है और वजन कम करना बेहद कठिन हो जाता है।

Monday, March 11, 2019

आलू से जुड़ी ये खास बातें ..

*आलू से जुड़ी ये खास बातें, जो आप नहीं जानते...*

1 यह आश्चर्य की बात है कि आलू की रसदार लुग्दी या पेस्ट झुर्रियां, बढ़ती उम्र के दाग-धब्बे और त्वचा की रंगत निखारने में सहायता करती है।
2 आलू के पौष्टिक तत्वों का लाभ लेने के लिए इसे हमेशा छिलके समेत पकाना चाहिए क्योंकि आलू का सबसे अधिक पौष्टिक भाग छिलके के एकदम नीचे होता है, जो प्रोटीन और खनिज से भरपूर होता है। आलू को उबाला, भूना या अन्य सब्जियों के साथ पकाया जाता है, इसलिए इसके पौष्टिक तत्व आसानी से हजम हो जाते हैं।
3 आलू का यदि कोई भाग हरा रह गया है तो उसे काटकर निकाल देना चाहिए, क्योंकि उसमें सोलेनाइन नामक विषैला पदार्थ होता है। इसके अतिरिक्त यदि आलू में अंकुर आ गए हों, तो अंकुरित भाग काटकर निकाल देना चाहिए और उसे प्रयोग में नहीं लाना चाहिए।
4 आलू में औषधीय गुण जबर्दस्त हैं। यह आंतों में सड़न की प्रक्रिया को रोकता है, और पाचन प्रक्रिया में सहायक बैक्टीरिया के विकास में सहायता करता है।
5 पाचन संबंधी बीमारियों में कच्चे आलू का रस बहुत उपयोगी होता है, क्योंकि यह आंतों में सूजन से आराम दिलाता है। इस रोग में आराम पाने के लिए कच्चे आलू का आधा प्याला रस भोजन से आधा घंटा पहले दिन में दो या तीन बार लेना चाहिए।
6 प्रत्येक बार भोजन करने से पहले चाय का एक या दो चम्मच भर कच्चे आलुओं का रस पीने से सभी तरह के अम्ल शरीर से निकल जाते हैं और गठिया रोग में आराम मिलता है। आलू के छिलके में महत्वपूर्ण खनिज लवण भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं।

Sunday, March 10, 2019

ज्यादा शुगर मतलब मीठी मौत

*ज्यादा शुगर मत खाना, वरना कभी भी हो जाएंगी ये 7 बीमारियां*
शशांक द्विवेदी

1 सबसे आम लेकिन गंभीर बीमारी ही नहीं बल्कि कई बीमारियों की जड़ है मोटापा। जब हम शुगर खाते है तो हमारे बॉडी में लीपोप्रोटीन लिपोज बनता है जिसकी वजह से हमारी कोशिकाओं में फैट जमा होने लगता है, नतीजतन मोटापा हमें घेर लेता है।
2 जब हम ज्यादा शुगर लेते हैं तो इसका सीधा असर प्रतिरक्षा तंत्र पर पड़ता है और वह कमजोर होता है। ऐसा होने पर बीमारियां हमें आसानी से घेर लेती हैं।
3 शुगर में कैलोरी के अलावा ऐसे कोई पोषक तत्व नहीं होते जो कि हमारे शरीर की ऊर्जा बढ़ाने में मदद करें, इसलिए जब भी आप शुगर की मात्रा अधिक लेंगे, कुछ समय बाद आप ऊर्जा की कमी और आलस महसूस करेंगे। यह स्थिति लंबे समय तक घातक हो सकती है।
4 अधिक शुगर का सेवन हमारे लीवर का काम बढ़ा देता है और शरीर में लिपिड का निर्माण बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में फैटी लीवर डिसीज जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
5 ज्यादा मात्रा में शुगर लेने से ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है जो दिमाग के लिए नुकसानदायक है। इस स्थिति में दिमाग तक सही मात्रा में ग्लूकोज नहीं पहुंच पाता और दिमाग सही तरीके से काम नहीं कर पाता, जिससे मेमोरी लॉस भी हो सकता है।
6 समय से पहले बूढ़ा दिखना भी ज्यादा शुगर लेने का एक बड़ा साइड इफेक्ट है। जब हम ज्यादा मात्रा में शुगर खाते हैं तो यह बॉडी में इंफ्लेमेटरी इफेक्ट बनाती है जिससे त्वचा पर दाने निकलना, बूढ़ा होना और झुर्रियां पड़ने की समस्याएं हो सकती है।
7 ज्यादा शुगर का सेवन हार्ट अटैक या हार्ट स्ट्रोक जैसी समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार हो सकता है, क्योंकि यह ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल भी बढ़ाती है, जो दिल के लिए घातक है।

Boost your body metabolism

A concoction made using three ingredients like cinnamon, black pepper and ginger could help you go a long way in boosting your body's metabolism. According to Ayurvedic Expert, Dr. Ashutosh Gautam, "Cinnamon, black pepper and ginger are good for improvement of metabolism and digestion. Cinnamon helps to improve fat breakdown in body. Whereas, ginger also helps in improving immunity and helps fight the symptoms of fluctuating seasonal variations."
Here is how you can make this Ayurvedic concoction at home:
Ingredients:


Cinnamon, 1 stick
Black pepper, a pinch
Ginger, 1/2 teaspoon, grated

शहद और आंवले के मिश्रण के 5 जबरदस्त फायदे

*शहद और आंवले का मिश्रण बनाएं और 5 गजब के फायदे पाएं*

शशांक द्विवेदी
शहद और आंवला दोनों ही सेहत और सौन्दर्य गुणों से भरपूर होते हैं। इन दोनों का ही सेवन आपके लिए बेहद लाभकारी होता है।अब हम आपको बताते हैं कि शहद और आंवले के मिश्रण को किस प्रकार इस्तेमाल करने से आपको लाभ मिल सकते हैं-
1. इस मिश्रण को बालों में लगाने से बाल सुंदर, मुलायम और मजबूत होने लगते है।आप इस मिश्रण को कंडीशनर के तौर पर भी बालों में लगा सकते हैं।
2. शहद और आंवले के मिश्रण का नियमित रूप से सेवन करने पर आपको सौंदर्य फायदे मिलते हैं जैसे चेहरे से झुर्रियों और फाइन लाइन मिटने लगती है और बढ़ती उम्र का प्रभाव चेहरे पर नहीं मालूम पड़ता।
3. शहद और आंवले के मिश्रण का नियमित रूप से सेवन करने पर लिवर स्‍वस्‍थ रहता है।
4. इस मिश्रण के सेवन से एसिडिटी से राहत मिलती है। भूख बढ़ती है और पाचन में भी मदद मिलती है।
5. इसकी मिश्रण की एक बड़ी चम्‍मच खाने से सर्दी, खांसी और गले में खराश से जल्‍द राहत मिलती है और संक्रमण दूर होते है।

Saturday, March 9, 2019

हाई बीपी की समस्या से ग्रसित लोगों का आहार

*अगर आपका कोई अपना हो हाई बीपी का शिकार तो ऐसा हो उनका आहार, जानिए 13 काम की बातें...*

1 उच्च रक्तचाप के रोगी को नमक का सेवन कम करना चाहिए।
2 उच्च रक्तचाप के रोगी को ज्यादा मात्रा में भोजन नहीं करना चाहिए, साथ ही गरिष्ठ भोजन से भी परहेज करना चाहिए।
3 भोजन में फलों और सब्जियों के सेवन ज्यादा करना चाहिए।
4 लहसुन, प्याज, साबुत अन्न, सोयाबीन का सेवन करना चाहिए।
5 सब्जियों में लौकी, नींबू, तोरई, पुदीना, परवल, सहिजना, कद्दू, टिण्डा, करेला आदि का सेवन करना चाहिए।
6 भोजन में पोटेशियम की मात्रा ज्यादा हो और सोडियम की मात्रा कम होनी चाहिए।
7 अजवायन, मुनक्का व अदरक का सेवन रोगी को फायदा पहुंचाता है।
8 फलों में मौसमी, अंगूर, अनार, पपीता, सेब, संतरा, अमरूद, अन्नानस आदि सेवन कर सकते हैं।
9 बादाम बिना मलाई का दूध, छाछ सोयाबीन का तेल, गाय का घी,गुड़, चीनी, शहद, मुरब्बा आदि का सेवन कर सकते हैं।
10 डेयरी उत्पादों, चीनी, रिफाइन्ड खाद्य पदार्थों, तली-भुनी चीजों, कैफीन और जंक फूड से नाता नहीं रखना चाहिए।
11 दिन में कम से कम 10-12 गिलास पानी अवश्य पीना चाहिए।
12 कम मात्रा में बाजरा, गेहूं का आटा, ज्वार, मूंग साबुत तथा अंकुरित दालों का सेवन करना चाहिए।
13 पालक, गोभी, बथुआ जैसी हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।


सेहत के लिए 15 सुपर फूड

15 SuperFoods for Health

हेल्दी फूड की बात तो हम सभी करते हैं, लेकिन हेल्दी फूड्स की लंबी लिस्ट के बीच कुछ फूड आइटम ऐसे भी हैं, जो हमारे लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इनमें दूसरों के मुकाबले ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। इन्हें हम सुपर फूड भी कह सकते हैं। हालांकि सुपर फूड्स का फायदा भी तभी है, जब हम बैलेंस्ड डाइट लें और सुपर फूड्स को भी बदल-बदल कर लें क्योंकि हर फूड आइटम के अपने फायदे होते हैं। ऐसे ही चंद सुपर फूड्स के बारे में एक्सपर्ट्स से बात कर जानकारी दे रहे हैं मधुरेन्द्र सिन्हा और प्रियंका सिंह

1. बादाम.......................
फायदे
- ढेर सारे न्यूट्रिशंस से भरपूर बादाम में विटामिन ई, कैल्शियम, गुड फैट, फाइबर, प्लांट प्रोटीन, आयरन, जिंक आदि अच्छी मात्रा में होते हैं।
- यह कॉलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार है। इसमें मौजूद मैग्नीशियम शुगर लेवल को मेंटेन रखता है।
- इसमें मौजूद जिंक ब्रेन को मजबूती देता है और बुढ़ापे में पार्किंसंस जैसी बीमारी को रोकने में मदद करता है। इसके माइक्रो-न्यूट्रिएंट बालों को अच्छा बनाते हैं।
- ज्यादा मात्रा में खाने से वजन बढ़ सकता है। कड़वे बादाम में मौजूद हाइड्रोसायनिक एसिड नर्वस सिस्टम स्लो करता है।

कितना खाएं: रोजाना कम-से-कम 11-12 बादाम जरूर खाएं। इससे कम खाने का फायदा नहीं है। इससे ज्यादा भी न खाएं। अगर दूसरे ड्राई फ्रूट्स भी लेते हैं तो बादाम की मात्रा इसी हिसाब से कम कर दें।

किस रूप में खाएं: बादाम को स्नैक्स की तरह सीधे खा सकते हैं। पीसकर दूध में डालकर भी खा सकते हैं। इससे छिलका न उतारें, वरना फाइबर निकल जाएगा। गर्मियों में भिगोकर खाएं। इससे तासीर ठंडी होती है।

2. अखरोट....................................
फायदे
- अखरोट में ओमेगा 6, फॉलिक एसिड, मैग्नीज, कॉपर, फॉस्फोरस, विटामिन बी 6 और विटामिन ई होता है।
- यह हड्डियों के साथ-साथ इम्यून सिस्टम को बेहतर करने में मदद करता है।
- कॉपर दिल के लिए भी अच्छा है तो ओमेगा 6 दिमाग के लिए। स्किन को भी यह बेहतर बनाता है।
- कैंसर की रोकथाम में भी मददगार पाया गया है अखरोट को।

कितना खाएं: रोजाना 2-3 अखरोट (4-6 टुकड़े) खाएं। गर्मियों में भिगोकर खाना बेहतर है।

कैसे खाएं: स्नैक्स की तरह सीधे खाना बेहतर है। सलाद आदि में भी मिक्स कर सकते हैं। गर्मियंो में भिगोकर खाना फायदेमंद है।

3. फ्लैक्स सीड्स..........................
फायदे
- फ्लैक्स सीड्स यानी अलसी के बीजों में ओमेगा-थ्री, कैल्शियम और फाइबर अच्छी मात्रा में होते हैं।
- ये गुड कॉलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करते हैं और दिल की सेहत को सुधारते हैं।
- हड्डियों और बालों के लिए भी काफी फायदेमंद हैं। एंटी-एजिंग के साथ-साथ इम्युनिटी भी बढ़ाते हैं।
- हॉर्मोन को बैलेंस कर महिलाओं में पीरियड्स और मिनोपॉज की समस्या से निपटने में मदद करते हैं।

कितना खाएं: रोजाना 10-15 ग्राम यानी 1-2 चम्मच तक ले सकते हैं। दूसरे सीड्स जैसे कि चियासीड्स या तरबूज, खरबूज और सीताफल के बीजों में भी करीब-करीब यही फायदे हैं। सारे बीज मिलाकर भी ले सकते हैं, लेकिन कुल मिलाकर 15 ग्राम से ज्यादा न लें।

कैसे खाएं: हल्का भूनकर खा सकते हैं। हालांकि कच्चा खाना बेहतर है। पाउडर बनाकर आटे में डालकर या फिर बीज के रूप में दही या सलाद में डालकर खा सकते हैं।

4. केला..........................
- केले में फाइबर, पोटैशियम, मैग्नीशियम, विटामिन बी 6 और विटामिन सी आदि अच्छी मात्रा में होता है।
- केला खाने से पाचन ठीक रहता है। साथ ही, यह शरीर में होने वाले छोटे-मोटे दर्द से भी राहत दिलाता है।
- केला डिप्रेशन के मरीजों के लिए फायदेमंद है। इसे खाने से मन दुरुस्त रहता है। बढ़ते बच्चों के लिए काफी फायदेमंद है यह।
- केला खून को पतला रखने में मदद करता है। इसका पोटैशियम बीपी को दुरुस्त रखता है, तो मैग्नीशियम कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करता है।

कितना खाएं: रोजाना 1 या 2 केले खा सकते हैं। हालांकि वैरायटी के िलए दूसरे फल भी खुराक में शामिल करें। शुगर के मरीज कम खाएं।

कैसे खाएं: सुबह उठकर खाना सबसे फायदेमंद है। जरूरी लगे तो दिन में भी खा सकते हैं।

5. दालचीनी..........................
फायदे
- दालचीनी में एंटी-ऑक्सिडेंट, ओमेगा 6, फाइबर, मैग्नीज, पोटैशियम और कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है।
- यह मेटाबॉलिजम तेज कर मोटापा घटाने में मदद करती है तो शुगर भी कंट्रोल में रखती है।
- रोजाना दालचीनी का 3 ग्राम पाउडर (करीब आधा छोटा चम्मच) खाने से हार्ट अटैक, मोटापा, ब्लड प्रेशर और कॉलेस्ट्रॉल के आसार कम हो जाते हैं।
- इससे पेट की चर्बी 20 फीसदी तक कम हो सकती है, हार्ट अटैक के चांस 10 फीसदी कम हो सकते हैं और ब्लड प्रेशर में 5 फीसदी कमी आ सकती है।

कितना खाएं: रोजाना 3 ग्राम तक लेना फायदेमंद। 5 ग्राम से ज्यादा न लें वरना बीपी लो हो सकता है।

कैसे खाएं: दालचीनी को पीसकर सब्जी या फ्रूट चाट में मिलाकर खा सकते हैं। बेहतर है कि इसे ज्यादा गर्म न करें। दालचीनी को मिक्सी में न पीसें क्योंकि उससे उसके गुण कम होते हैं। सिलबट्टे या इमामदस्ते में कूटें। फोर्टिस सी-डॉक हॉस्पिटल ने अपनी हालिया रिसर्च में दालचीनी को बीपी और शुगर, दोनों को कंट्रोल करने में फायदेमंद पाया।

6. आंवला..........................
फायदे
- विटामिन सी से भरपूर आंवला स्किन और बालों के लिए अच्छा है। यह एसिडिटी के अलावा सर्दी-जुकाम से भी राहत दिलाता है।
- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट कैंसर से लड़ने में मदद करते हैं। शुगर के मरीजों के लिए भी यह फायदेमंद है।
- यह जख्म भरने में भी मददगार है। जॉन्डिस के मरीजों के लिए खासतौर पर फायदेमंद।

कितना खाएं: रोजाना 1-2 आंवला तक खा सकते हैं।

कैसे खाएं: आंवले का जूस ले सकते हैं। अचार, चटनी या कच्चा आंवला थोड़ी काली मिर्च या नमक के साथ खा सकते हैं। सब्जी में डाल कर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। मुरब्बे का खास फायदा नहीं क्योंकि इसमें चीनी काफी ज्यादा होती है।

7. बेरी..........................
- हमारे देश में पाई जाने वाली बेरीज में खास हैं: जामुन, स्ट्रॉबरी, मलबरी (शहतूत), अंगूर, रसभरी, करौंदा आदि। वैसे, आजकल ब्लूबरी, क्रैनबरी आदि भी मिलने लगी हैं।
- ज्यादातर बेरीज में मैग्नीज, विटामिन सी, विटामिन के और फाइबर भरपूर होता है।
- अंगूर को छोड़ बाकी बेरीज़ को डायबीटीज के मरीजों के लिए काफी अच्छा माना जाता है।
- इनमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट से स्किन में चमक आती है। कैंसर से बचाने और दिल की बीमारियों से लड़ने में भी मददगार।

कितनी खाएं: हमें दिन भर में 200 ग्राम तक फल खाने चाहिए। ऐसे में तय मात्रा में दूसरे फलों के साथ एक छोटी कटोरी तक बेरी खा सकते हैं।

कैसे खाएं: दिन में कभी भी खा सकते हैं। हां, किसी भी फल को खाने और खाना खाने के बीच करीब घंटे भर का फासला जरूर होना चाहिए।

8. स्प्राउट्स..........................
- फल और कच्ची सब्जियों से 100 गुना ज्यादा एंजाइम्स दालों (मूंग, चना, लोबिया, राजमा, गेहूं आदि) को अंकुरित करने पर मिलते हैं। साथ ही, इनमें फाइबर, विटामिन सी आदि की मात्रा भी बढ़ जाती है।
- दालों को अंकुरित करने से विटामिन बी, विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन सी और विटामिन ई की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है।
- इनमें एंटी-ऑक्सिडेंट ज्यादा होते हैं, जोकि हमारे डीएनए को होने वाले नुकसान को कम करते हैं। यह हमारे खून को साफ कर शरीर को डीटॉक्स करता है।
- ये मेटाबॉलिज़म को बढ़ाते हैं और एक बार खाने पर काफी देर तक पेट भरा होने का अहसास कराते हैं।

कितना खाएं: दिन में 1 छोटी कटोरी (लगभग 150 ग्राम) तक खा सकते हैं।

कैसे खाएं: स्टीम कर सकते हैं। स्नैक्स की तरह चाट बनाकर खा सकते हैं। सलाद, सैंडविच, पोहा आदि में भी मिला सकते हैं।

9. मखाना..........................
- मखाने में प्रोटीन, मैग्नीज, पोटैशियम, जिंक, मैग्नीशियम, फाइबर और आयरन अच्छी मात्रा में होता है और फैट बिल्कुल नहीं होता।
- ज्यादा पोटैशियम और कम सोडियम की वजह से यह हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। मन को शांत कर नींद लाने में यह मदद करता है।
- इसमें मौजूद मैग्नीशियम और फोलेट खून के दौरे को बेहतर बनाकर दिल की बीमारियों का खतरा कम करता है।
-ज्यादा फाइबर और कम फैट होने से यह वजन कम करने में मददगार है। कैल्शियम ज्यादा होने से यह हड्डियों के लिए भी फायदेमंद है।

कितना खाएं: 1 सर्विंग यानी 12-15 मखाने ले सकते हैं।

कैसे खाएं: स्नैक्स की तरह खा सकते हैं। चाहें तो आधा चम्मच देसी घी में भूनकर खा सकते हैं। लेकिन तले नहीं और न ही नमक ज्यादा डालें।

10. लहसुन..........................
फायदे
- मैग्नीज, विटामिन सी, बी6, फाइबर, कैल्शियम, आयरन अच्छी मात्रा में होता है लहसुन में।
- इसमें मौजूद एलिसिन कंपाउंड कॉलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है।
- यह जोड़ों के दर्द को कम करने और खून साफ करने में मदद करता है। स्किन और बालों को भी बेहतर बनाता है।
- बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन कम करता है। यह कैंसर से भी बचाता है।

कितना खाएं: रोजाना 3-4 कली खा सकते हैं। 4 से ज्यादा खाने से शरीर में गर्मी हो सकती है।

कैसे खाएं: कूटकर या कच्चा चबाकर खाएं। लहसुन को काटकर कुछ मिनट छोड़ने से इसके एंजाइम ज्यादा ऐक्टिव हो जाते हैं। फिर खाएं। मुंह की बदबू से राहत के लिए खाने के बाद इलायची या सौंफ खा सकते हैं।

11. हल्दी..........................
फायदे
- विटामिन ए व सी के अलावा मैग्नीज भी काफी मात्रा में होता है हल्दी में।
- यह कैंसर से लड़ने और ट्यूमर सेल्स को ठीक करने के अलावा दिमाग से जुड़ी बीमारियों में भी फायदेमंद है।
- हल्दी में मौजूद कर्कुमिन एंटी-बायोटिक और एंटी-इन्फ्लेमेटरी है इसलिए यह सूजन, दर्द और चोट में राहत पहुंचाती है।
- शुगर लेवल कंट्रोल करने के अलावा यह जोड़ों का दर्द और गैस भी कम करती है।

कितनी खाएं: रोजाना करीब आधा छोटा चम्मच तक ले सकते हैं।

कैसे खाएं: पाउडर या गांठ, कोई भी ले सकते हैं। वैसे कच्ची (अंबा) हल्दी लेना बेहतर है। हल्दी चिकनाई में अच्छी तरह जज्ब होती है इसलिए दूध में डालकर लेना बेहतर है।

12. दही..........................
फायदे
- दही में कुदरती प्रोबायोटिक्स (गुड बैक्टीरिया)प्रोटीन, विटामिन बी 12, कैल्शियम, पोटैशियम, फॉस्फोरस होता है।
- यह एंटी-फंगल होता है। यह हमारी हड्डियों और बालों के लिए अच्छा है।
- यह पाचन में मदद करता है और एसिडिटी में भी राहत दिलाता है।
- यह इम्युनिटी बढ़ाकर बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। दिल के लिए भी अच्छा है।

कितना खाएं: हमें दिन भर में आधा किलो तक दूध या दूध से बनी चीजें लेनी चाहिए। ऐसे में लगभग 1-2 कटोरी दही रोजाना खा सकते हैं।

कैसे खाएं: खाने के साथ खा सकते हैं। छाछ या लस्सी बनाकर भी ले सकते हैं। चीनी डालकर न खाएं।

13. चौलाई..........................
फायदे
- व्रत के दौरान चौलाई के लड्डू या खीर खाई जाती है लेकिन चौलाई को हमें अपने रुटीन फूड में शामिल करना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन, कैल्शियम, एंटी-ऑक्सिडेंट भरपूर होते हैं।
- चौलाई में विटामिन ए काफी ज्यादा होता है, जो हमारी आंखों की रोशनी को बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद लाइसिन नामक अमीनो एसिड बालों को बेहतर बनाता है।
- यह कॉलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। साथ ही कैल्शियम अच्छी मात्रा में होने से यह हड्डियों को मजबूत बनाता है।
- इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सिडेंट्स और एंटी-इंफ्लेमेटरी शरीर की सूजन को कम करता है। यह खून की कमी को भी दूर करने में मदद करता है।

कितना खाएं: दिन भर में एक कटोरी चौलाई का साग या एक छोटी कटोरी खीर या एक-दो लड्डू खा सकते है।

कैसे खाएं: चौलाई का साग खा सकते हैं। चौलाई के दानों की खीर या लड्डू बनाकर भी खा सकते हैं। हां, उनमें मीठा कम रखें।

14. ग्रीन टी/हर्बल टी..........................
फायदे
- ग्रीन टी में बेस्ट एंटी-ऑक्सिडेंट होते हैं जो बढ़ती उम्र के नुकसान को कम करते हैं और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर कई बीमारियों से बचाव करते हैं।
- यह कॉलेस्ट्रॉल घटाने में मदद करती है। इमें मौजूद एल-थियेनाइन नामक कंपाउंड दिमाग को ज्यादा अलर्ट, लेकिन शांत रखता है यानी ब्रेन बेहतर काम करता है।
- इसके एंटी-बैक्टीरियल गुण इन्फेक्शन का खतरा कम करते हैं। ग्रीन टी मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाकर वजन कम करने में मदद करती है।
- तुलसी, अदरक, लौंग, दालचीनी आदि को मिलाकर पानी में उबालकर हर्बल टी तैयार कर सकते हैं। वह भी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है।

कितनी पिएं: दिन में 2-3 कप तक पी सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादा न पिएं क्योंकि ज्यादा मात्रा में कैफीन लेने से इसकी लत तो लगती ही है, शरीर में कैल्शियम ज्यादा जज्ब नहीं हो पाता। वैसे, हर्बल टी के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हैं।

कैसे पिएं: बिना दूध और चीनी के पीना बेहतर है। खाने से साथ न पिएं।

15. ब्रोकली..........................
फायदे
- ब्रोकली यानी हरी गोभी में एंटी-ऑक्सिडेंट्स के साथ पोटैशियम, फाइबर, विटामिन ए, बी और सी होते हैं।
- इसमें मौजूद सेलिनियम कैंसर से लड़ने में मददगार है तो फोलिक एसिड खून की कमी दूर करता है।
- बालों और हड्डी के साथ-साथ पाचन के लिए भी अच्छी है ब्रोकली।
- शुगर कंट्रोल करने और दिल को दुरुस्त रखने में करती है मदद।

कितनी खाएं: हमें दिन भर में 400-500 ग्राम तक सब्जियां खानी चाहिए। वैरायटी का ध्यान रखते हुए बाकी सब्जियों के साथ एक छोटी कटोरी तक ब्रोकली ले सकते हैं।

कैसे खाएं: कच्चा, स्टीम करके या उबाल कर सलाद, सब्जी या ग्रीन कबाब/कटलेट आदि के रूप में खा सकते हैं। हां, गुनगुने पानी में हल्का नमक डालकर पहले अच्छी तरह इसे धो जरूर लें। थायरॉयड के मरीजों को यह कम मात्रा में खानी चाहिए।

नोट: इनके अलावा और भी सुपर फूड्स हैं। सुपर फूड का फायदा तभी है, जब हम इन्हें बैलेंस्ड डाइट के साथ लें। ऐसा न हो कि इनके चक्कर में हम बैलेंस्ड डाइट न लें। साथ ही, आपके इलाके में जो फूड आइटम आसानी से उपलब्ध हैं, उन्हें ज्यादा लें। सुपर फूड भी बदल-बदल कर खाएं ताकि सभी का फायदा शरीर को मिल सके।

एक्सपर्ट पैनल
डॉ. अनूप मिश्रा, चेयरमैन, फोर्टिस सी-डॉक
डॉ. शिखा शर्मा, न्यूट्री-डाइट एक्सपर्ट
परमीत कौर, चीफ डाइटीशन, एम्स
नीलांजना सिंह, सीनियर डाइट एक्सपर्ट
साभार NBT

Wednesday, March 6, 2019

कैंसर मरीजों के भगवान हैं डॉ येशी

कैंसर मरीजों के भगवान हैं 'शरणार्थी' डॉ. येशी, तिब्बती पद्धति से करते हैं इलाज, देश-विदेश से जुटती है भीड़ #टटकाखबर

हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में डॉ. येशी धोंडेन जानलेवा कैंसर का तिब्बती चिकित्सा पद्धति से इलाज करते हैं। शहर में स्थित उनके तिब्बती हर्बल क्लिनिक पर कैंसर मरीजों की भारी भीड़ जुटती है। यहां कैंसर से पीड़ित लोगों को बहुत ही कम खर्च में दवाइयां दी जाती हैं। इस वजह से तिब्बती हर्बल क्लिनिक पर हर रोज सुबह 5 बजे से ही ट्रीटमेंट कराने आए मरीजों की लंबी लाइन लगती है। डॉ. येशी की इस क्लिनिक में देश ही नहीं विदेशों से भी मरीज अपना इलाज कराने आते हैं। येशी बहुत ही कम पैसे में मरीजों को एक महीने की दवा उपलब्ध कराते हैं।

डॉ. येशी तिब्बत के लोका क्षेत्र के मूलनिवासी हैं। उनका परिवार तिब्बत की बहुप्रचलित चिकित्सा के लिए जाना जाता है। उन्होंने 20 साल की उम्र में ही इस चिकित्सा का प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया था। भारत में निर्वासन का जीवन व्यतीत कर रहे येशी 14वें दलाई लामा के निजी चिकित्सक भी रह चुके हैं। उन्होंने साल 1961 से 1980 तक दलाई लामा की निजी चिकित्सा की थी। उन्हीं की देख-रेख में इन्होंने धर्मशाला में तिब्बतियन मेडिकल ऐंड ऐस्ट्रो इंस्टिट्यूट की स्थापना कर इस पद्धति को आगे बढ़ाया। दलाई लामा के साथ रहते हुए येशी ने तिब्बती चिकित्सा पद्धति में शोध करने के अलावा कैंसर जैसे असाध्य रोग के उपचार में भी प्रवीणता हासिल की।

तिब्बतियन मेडिकल ऐंड ऐस्ट्रो इंस्टिट्यूट से रिटायर होने के बाद डॉ. येशी धोंडेन ने साल 1980 में मैक्लोडगंज में तिब्बतियन हर्बल क्लिनिक से निजी क्लिनिक की शुरूआत की। यहां वह रोगी के पेशाब और नब्ज का अध्ययन कर उनके रोगों की जांच कर तिब्बती आयुर्वेदिक दवाइयां देते हैं। वह 23 मार्च 1961 को तिब्बत से भारत में शरणार्थी बनकर आए थे। उनके क्लिनिक में ट्रीटमेंट कराने के लिए आए मरीज टोकन लेने के लिए सुबह 5 बजे से ही लाइन लगाते हैं। टोकन मिलने के तीन दिन बाद डॉक्टर येशी मरीज से मिलते हैं। वह एक दिन में केवल 45 मरीजों की ही जांच करते हैं।

93 वर्षीय डॉ. येशी धोंडेन द्वारा किए गए शोधपत्रों को दुनिया की सबसे बेहतर मॉर्डन मेडिकल साइंस, अमेरिका के वैज्ञानिकों ने भी मान्यता दी है। बौद्ध भिक्षु डॉ. येशी को भारत सरकार ने उनकी तिब्बती आयुर्वेद पद्धति में हासिल की गई उपलब्धियों के चलते पदमश्री पुरस्कार सम्मानित किया गया है।

Tuesday, March 5, 2019

अच्छे और कथित बुद्दिजीवियों का ढोंग

राहुल राज
"अच्छे लोग हिंसा या हिंसा के किसी भी संवाद से दूर रहते हैं| अच्छे लोग आतंकवादी हमलों पर दुःख व्यक्त करते हैं, गाँधी के सन्देश लिखते हैं, फैज़ की नज़्म पढ़ते हैं, चैनल बदल कर गुस्सा कम करते हैं, और फिर सो जाते हैं| अच्छे लोग मोदी की हंसी में भी युद्ध के विषैले गीत सुन लेते हैं और अच्छे लोग जैश-ए-मोहम्मद को पनाह देने वाले इमरान खान में statesmanship देख लेते हैं| अच्छे लोगों में अच्छा दिखने की इतनी होड़ लगी रहती है कि हिन्दुस्तान के सौ लोगों का पोस्ट पढ़कर उन्हें पूरा हिन्दुस्तान खून का प्यासा दिखने लगता है और पकिस्तान के दो पोस्ट पढ़कर पूरा पाकिस्तान उन्हें शान्ति की जन्म भूमि दिखने लगती है|

अच्छे लोगों का मानना है कि भारत को आतंकवादी कैम्पों पर हमला करने के बाद जश्न नहीं मनाना चाहिए था क्यूंकि इससे शान्ति की प्रक्रिया भंग होती है| अच्छे लोग अच्छा सच सुनना चाहते हैं, उन्हें बुरा सच उचित नहीं लगता| हर रोज़ जब हम शांति की अच्छी बातें लिखकर सो रहे होते हैं तो सीमा पर आतंकवादी हमलों में कोई न कोई जवान शहीद होता रहता है| हर रोज़ जब हम फैज़ और नेरुदा की कविताएं पढ़कर ख़ुद को अच्छा इंसान मानते रहते हैं तो उस समय कुछ निर्दोष लोग हमेशा के लिए शांत कर दिए जाते हैं| शान्ति और कविताएँ उन्हें भी पसंद होती हैं, लेकिन जब उनके सामने आतंकवादी बन्दूक लेकर खड़ा रहता है, तब उनके पास बड़ी बड़ी philosophical बातें करने का convenience नहीं होता|

अच्छे लोग कहते हैं कि केवल प्रेम और संवाद से हिंसा रोकी जा सकती है| अच्छे लोग आपको ये नहीं सुनना चाहते हैं कि कश्मीर को per-capita के मुताबिक़ सबसे ज्यादा फण्ड मिलता है| इसमें education और medical facilities पर बहुत ध्यान दिया जाता है| अच्छे लोग ये नहीं सुनना चाहते हैं कि जब कोई जवान आतंकवादी को घेरने जाता है तो उसपर पत्थर बरसाए जाते हैं| अच्छे लोग अच्छी बातें लिख कर समस्या हल कर लेते हैं| जी बिलकुल युद्ध से गरीबी और तबाही फैलती है| उससे आम आदमी परेशान होता है| आम आदमी के पास पहले से कम परेशानियाँ नहीं हैं, लेकिन इसका मतलब ये तो नहीं है कि आतंकवादी हमलों में सेना को शांति से मर जाना चाहिए ताकि आम आदमी शान्ति की कविता लिख पाए| एक गंभीर समस्या को बस इसलिए तो नहीं भूल जाना चाहिए क्यूंकि कुछ गंभीर समस्याएं है और भी हैं|

अच्छे लोग ये तो बोल देते हैं कि सेना की इतनी फ़िक्र है तो सीमा पर लड़ने क्यों नहीं चले जाते, लेकिन कभी ये नहीं बोलते कि मैं सीमा पर शान्ति का सन्देश लेकर जाऊंगा|

प्रश्न पूछना अच्छा है| आप पूछते रहिये, लेकिन जवाब यदि कड़वा हो तो कान बंद मत कीजियेगा|"