Sunday, August 25, 2019

गर्म पानी नींबू पिएं सुबह

*चाय, कॉफी नहीं सुबह-सुबह पिएं गर्म नींबू पानी, होंगे ये 5 बेशकीमती फायदे*

1 अगर आप सुबह फ्रेश होने से पहले गर्म पानी में नींबू निचोड़कर पीते हैं, तो आपका पेट आसानी से साफ होगा और कब्ज की समस्या नहीं होगी।
2 अगर आप सुबह फ्रेश होने के बाद यानि बिल्कुल खाली पेट इसका प्रयोग करते हैं, तो यह आपकी बढ़ी हुई चर्बी कम करने में मददगार साबित होगा और आपका वजन भी कम होगा।
3 यह आपके पाचन तंत्र को फायदा पहुंचाएगा और पाचन क्रिया पहले से बेतर होगी। इसके चलते आपको पेट की समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
4 गर्म नींबू पानी का सेवन आपके शरीर की अंदर से सफाई करता है और हानिकरक तत्वों को शरीर से बाहर करने में मदद करता है। यह प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है।
5 इसका एक बड़ा फायदा यह भी है कि यह आपको मुंह और सांसों की दुर्गंध से भी निजात दिलाएगा और आप ताजगी महसूस करेंगे। इसमें मौजूद विटामिन सी भी आपको कई फायदे देगा। 

Tuesday, August 13, 2019

फलों के रस से करें इलाज

*फलों के रस के यह घरेलू इलाज आपको शर्तिया नहीं पता होंगे...*
 शशांक द्विवेदी
1 वजन बढ़ाने के लिए -वजन बढ़ाने के लिए दुग्ध कल्प बहुत फायदेमंद होता है। ड्रायफ्रूट्स, गेहूं के जवारे का रस व सभी तरह के फलों के रस से वजन बढ़ सकता है। फलों के रस का सेवन करने पर कब्ज से भी छुटकारा पाने में मदद मिल जाती है।
2 एसिडिटी के लिए -एसिडिटी की समस्या से निजात पाने के लिए गाजर-पत्तागोभी, कद्दू और मिश्री व सेब-पाइनएप्पल का रस एक अच्छा विकल्प है। आप चाहे तो एक गिलास पानी में नीबू का रस और आधा चम्मच मिश्री मिलाकर दोपहर के खाने से आधे घंटे पहले लें। ऐसा करने से भी एसिडिटी से निजात पाने में फायदा मिलेगा।
3 गैस के लिए -आंवले का चूर्ण सुबह और शाम लें, दो वक्त के आहार के बीच सही अंतराल रखें। तनावमुक्त रहें, प्राणायाम और ध्यान करें। इससे गैस और एसिडिटी में फायदा होता है।
4 जुकाम -कुनकुने पानी में नींबू का रस डालकर उसके गरारे किए जा सकते हैं। घूंट-घूंटकर पिया जा सकता है। तुलसी की पत्ती-पोदीने की पत्ती, आधा बड़ा चम्मच अदरक तथा गुड़ दो कप पानी में उबालें। फिल्टर करके उसमें एक नीबू का रस डालकर उपयोग करें।

Monday, August 12, 2019

गुड़ और जीरे का पानी है बहुत लाभकारी

*खाली पेट पिएं गुड़ और जीरे का पानी, होंगे 5 चमत्कारी फायदे*
 शशांक द्विवेदी
1 शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिए गुड़ और जीरे का यह पानी काफी लाभप्रद है। अगर आपको खून की कमी या एनिमिया की समस्या हो, तो इसे जरूर पिएं।
2 पेट की समस्याओं जैसे कब्ज, गैस, पेट फूलना और पेट दर्द आदि के लिए गुड़ और जीरे का यह पानी काफी फायदेमंद साबित होगा। धीरे-धीरे आपकी यह समस्याएं खत्म हो जाएंगी।
3 शरीर की अंदरूनी सफाई करने के साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में गुड़ और जीरे का पानी लाभदायक होता है। यह शरीर से अवांछित तत्वों को निकालकर आंतरिक अंगों की सफाई करता है।
4 शरीर के विभिन्न अंगों में दर्द होने पर यह पानी कारगर उपाय है। यह शारीरिक दर्द में राहत दिलाने में मददगार साबित होता है और महिलाओं में मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द में भी राहत देता है।
5 बुखार, सर्दी व सिरदर्द होने की स्थ‍िति में भी गुड़ और जीरे का यह पानी बेहद फायदेमंद साबित होता है। बुखार आने पर इसका सेवन जल्द राहत दिलाने में सहायक है।

Wednesday, August 7, 2019

बड़े फ़ायदें हैं अजवाइन के

*अजवाइन के हैं बड़े फायदे, करें डाइट में शामिल*
शशांक द्विवेदी
1. पाचन क्रिया दुरुस्त करें अजवाइन: अजवाइन को पाचन क्रिया ठीक करने के लिए बराबर मात्रा में पीस लें। फिर उसमें हींग और सेंधा नमक अपने स्वाद के अनुसार मिलाकर उसका चूर्ण बनाकर किसी बोतल में भर लें। अब एक चम्मच चूर्ण गर्म पानी के साथ लें। पूदीनें के दस ग्राम चूर्ण के साथ दस ग्राम अजवाइन तथा कपूर एक साफ बोतल में भरकर धूप में रख दें। तीनों चीजें गलकर पानी बन जाएंगी। इस मिश्रण की पांच-सात बूंद बताशे के साथ खाने से पेट में मरोड़, पेटदर्द, जी मिचलाने जैसी तकलीफों में लाभ होगा।
2. कब्ज: यदि कब्ज हो तो दस ग्राम अजवाइन, दस ग्राम त्रिफला एंव दस ग्राम सेंधा नमक मिलाएं तथा उसे पीस लें और उसका चूर्ण बना लें। रोज इस चूर्ण को तीन से पांच ग्राम की मात्रा में गुनगुने पानी के साथ लें। आपको बहुत जल्द ही आराम प्राप्त होगा।
3. खांसी-जुकाम से छुटकारा: सर्दी-जुकाम की वजह से बनने वाले कफ से राहत पाने के लिए एक कप छाछ के साथ एक चम्मच अजवाइन को मिलाकर पिएं। एक चम्मच अजवाइन के दानों को दोनों हाथों से मसल लें तथा इसे थोड़े से गुड़ के साथ मिला लें और टॉफी की तरह चूसें। आपको लाभ मिलेगा। एक मुलायम कपड़े पर थोड़ी सी अजवाइन डालकर पोटली बना लें। इसे तवे पर रखकर गर्म करें तथा इससे चेस्ट की सिकाई करें। राहत मिलेगी।
4. दांत के दर्द से आराम: एक कप पानी में पिसी हुई एक चम्मच अजवाइन और थोड़ा सा नमक डालें तथा उसे उबालें। पानी गुनगुना हो जाए तो उसे मुंह में लेकर कुछ देर के लिए रोंके और फिर कुल्ला करें। दिन में ऐसा तीन बार करें।
5. एसिडिटी से आराम: एसिडिटी की अगर शिकायत हों तो एक गिलास गर्म पानी में एक-एक चम्मच जीरा और अजवाइन मिलाकर उबालें।

कैल्शियम की कमी को ऐसे दूर करें

*कैल्शियम की कमी को दूर करने के लिए महिलाऐं इन चीजों का करें सेवन*
 शशांक द्विवेदी
1. स्वास्थ्य: तीस वर्ष की उम्र के बाद महिलाओं को शरीर को स्वस्थ और हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए जरूरी पोषक पदार्थों का सेवन करना चाहिए। सही पोषण की कमी की वजह से उनमें हड्डियों से जुड़ी अनेक परेशानियां घेर लेती हैं। इसका कारण है कैल्शियम की कमी। अगर आपको भी शरीर में हाथों पैरों में दर्द, नाखूनों का टूटना या दांतों में दर्द होता है तो अपने आहार में कैल्शियम से भरपूर आहार को शामिल करें। इन आहार को खाने से आपके शरीर में कैल्शियम की कमी को दूर करने में मिलेगी मदद।
2. दूध से बने आहार: दूध के साथ ही दूध से बने खाद्य पदार्थों को भी अपने भोजन में शामिल करना चाहिए। दही, पनीर चीज, घी का सेवन करना लाभदायक है।
3. अनाज और दालें: अपने शरीर को फिट रखने के चक्कर में बहुत- सी महिलाएं पोषक पदार्थों से समझौता कर लेती हैं। लेकिन ये आदत आपके लिए भारी पड़ सकती है। अपने आहार में कैल्शियम से भरपूर दाल और अनाजों का सेवन जरूर करें। अनाज में भी गेंहू, बाजरा, रागी और दालों में सोयाबीन, चने को जरूर शामिल करें।
4. सब्जियां और फल: खाने में ज्यादा से ज्यादा सब्जियों और फलों का सेवन करना चाहिए। कैल्शियम की पूर्ति के लिए हरी सब्जी जैसे पालक, गोभी, हरा धनिया खाना चाहिए। फलों में संतरा, अन्नास, केला, शहतूत, खजूर में कैल्शियम की मात्रा का स्तर अच्छा होता है।
5.सूखे मेवे: काजू, किशमिश, बादाम, पिस्ता, अखरोट जैसे खाद्य पदार्थों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। इन सब से मोटापा नहीं बढ़ाता बल्कि शरीर को कैल्शियम की भरपूर मात्रा मिलती है।

Thursday, August 1, 2019

गेंहू खानें के नुकसान !!

एक बहुत ही प्रसिद्ध हृदय-चिकित्सक समझाते है के,*गेहूं खाना बंद करने से आपकी सेहत को कितना अधिक लाभ हो सकता है।*

हृदय-चिकित्सक Dr. विलियम डेविस, MD ने अपने पेशे की शुरुवात, हृदय रोग के उपचार के लिए 'अंजीओ प्लास्टी' और 'बाईपास सर्जरी' से किया था।

वे बताते है के, "मुझे वो ही सब सिखाया गया था, और शुरू शुरू में तो, मैं भी वोही सब करना चाहता था।"

लेकिन, जब उनकी अपनी माताजी का निदन साल 1995 में दिल का दौरा पड़ने से हुआ , जो उन्हें बहतरीन इलाज उपलब्ध कराने के बावाजूद हुआ,
तब उनके मन में अपने ही पेशे को लेकर चिंता और परेशान कर देने वाले प्रश्न उठने लगे।

वे कहते है के,

"मैं रोगीयों के हृदय का इलाज कर तो देता था, लेकिन वे कुछ ही दिनों में उसी समस्या को लेकर मेरे पास फिर लौट आते थे।

वो इलाज तो मात्र 'बैंड-ऐड' लगाकर छोड़ देने के समान था, जिसमें बीमारी का मूल कारण पकड़ने का तो प्रयास भी नहीं किया जाता था।"

इसलिए उन्होंने अपने अभ्यास को एक उच्च स्तर और क्वचित ही उपयोग में लाये हुए दिशा की ओर मोड़ा- जो था

'बीमारी को होने ही नही देना'।

फिर उन्होंने अपने जीवन के अगले 15 सालों को इस हृदय रोग के मूल कारणों को जानने, समझने में व्यतीत किया।

जिसके परिणाम स्वरूप जो आविष्कार हुए, वो उन्होंने 'न्यू यॉर्क टाइम्स' के सबसे अधिक बिकने वाली किताब "Wheat Belly"(गेहूं की तोंद) में प्रकाशित किया है।

जिसमें हमारे बहुत से रोग,
जैसे के हृदय रोग,
डायबिटीज और मोटापे का संबंध गेहूं के सेवन करने के कारण बताया गया है।

गेहूं का सेवन बंद कर देना हमारे सम्पूर्ण जीवन को ही बदल सकता है।

*“Wheat Belly”(गेहूं की तोंद) क्या है?*

गेहूं के सेवन करने से, शरीर में चीनी की मात्रा आश्चर्यजनक पूर्वक बढ़ जाती है।

सिर्फ दो गेहूं की बनी ब्रेड स्लाइस खाने मात्र से ही हमारे शरीर में चीनी की मात्रा इतनी अधिक बढ़ जाती है जितना तो एक स्नीकर्स बार(चॉकलेट, चीनी और मूंगफली से बनी) खाने से भी नहीं होता।

उन्होंने आगे बताया के,

"जब मेरे पास आने वाले रोगियों ने गेहूं का सेवन रोक दिया था, तो उनका वजन भी काफी घटने लगा था, खास तौर पर उनकी कमर की चरबी घटने लगी थी।
एक ही महीने के अंदर अंदर उनके कमर के कई इंच कम हो गए थे।"

"गेहूं का हमारे कई सारे रोगों से संबंध है ऐसा जानने में आया है। मेरे पास आने वाले कई रोगियों को डायबिटीज की समस्या थी या वे डायबिटीज के करीब थे।

मैं जान गया था के गेहूं शरीर में चीनी की मात्रा को बढ़ा देता है, जो किसी भी अन्य पदार्थ के मुकाबले अधिक था, इसलिए, मैंने कहा के,
"गेहूँ का सेवन बंद करके देखते है, के इसका असर शरीर में चीनी की मात्रा पे किस तरह होता है"

3 से 6 महीनों से अंदर अंदर ही उन सब के शरीर में से चीनी की मात्रा बहुत कम हो गई थी।

इसके साथ साथ वे मुझसे आकर यह भी कहते थे, के मेरा वजन 19 किलो घट गया है,
या
मेरी अस्थमा की समस्या से मुझे निवारण मिल गया, या
मैंने अपने दो इन्हेलर्स फेंक दिए है,
या 20 सालों से जो मुझे माइग्रेन का सिरदर्द होता रहा है, वो मात्र 3 दिनों के अंदर ही बिल्कुल बंद हो गया है,
या मेरे पेट में जो एसिड रिफ्लक्स की समस्या थी वो बंद हो गई है,
या मेरा IBS अब पहले से बेहतर हो गया है, या
मेरा उलसरेटिव कोलाइटिस,
मेरा रहेउमाटोइड आर्थराइटिस,
मेरा मूड, मेरी नींद... इत्यादि इत्यादि।

*गेहूं की बनावट को देखा जाए तो इसमें,*

1)अमलोपेक्टिन A, एक रसायन जो सिर्फ गेहूं में ही पाया जाता है, जो खून में LDL के कणों को काफी मात्रा में जगा देता है, जो ह्रदय रोग का सबसे मुख्य कारण पाया गया है।

गेहूं का सेवन बन्द कर देने से LDL कणों की मात्रा 80 से 90 % तक घट जाती है।

2) गेहूं में बहुत अधिक मात्रा में ग्लैडिन भी पाया जाता है, यह एक प्रोटीन है जो भूक बढ़ाने का काम करती है, इस कारण से गेहूं का सेवन करने वाला व्यक्ति एक दिन में अपनी ज़रूरत से ज़्यादा, कम से कम 400 कैलोरी अधिक सेवन कर जाता है।

ग्लैडिन में ओपीएट के जैसे गुण भी पाए गए है जिसके कारण इसका सेवन करने वाले को इसकी लत लग जाती है, नशे की तरह।

खाद्य वैज्ञानिक इस बात को 20 सालों से जानते थे।

3) क्या गेंहू का सेवन बंद कर देने से हम ग्लूटेन मुक्त हो जाते है?

ग्लूटेन तो गेहूं का सिर्फ एक भाग है। ग्लूटेन को निकाल कर भी गेंहू को देखे, तो वो फिर भी घातक ही कहलायेगा क्योंकि इसमें ग्लैडिन,  अमलोपेक्टिन A के साथ साथ और भी अनेक घातक पदार्थ पाए गए है।

ग्लूटेन मुक्त पदार्थ बनाने के लिए,
मकई की मांडी,
चावल की मांडी,
टैपिओका की मांडी ओर
आलू की मांडी का उपयोग किया जाता है।

और इन चारों का जो पाउडर है, वो तो शरीर में चीनी की मात्रा को और भी अधिक बढ़ा जाते है।

मैं आप लोगों से आग्रह करता हुँ के
सच्चा आहार लेना आरंभ करें:
कच्चा आहार लेना आरम्भ करे ।

जैसे के फल,
सब्जियां,
दाने, बीज,
घर का बना पनीर, इत्यादि।

साल 1970 और 1980 के अंतर्गत, गेहूं के उपज जो बढ़ाने के लिए जिन आधुनिक विधियों को और यंत्रों को उपयोग में लाया गया था, उनसे गेंहू अंदर से बिल्कुल बदल गया है।

गेहूं की उपज छोटी और मोटी होने लगी, जिसमें ग्लैडिन(भूक बढ़ाने वाली पदार्थ) की मात्रा भी बहुत अधिक हो गई है।

50 वर्ष पूर्व जो गेहूं सेवन में लिया जाता था वो अब वैसा नही रहा।

ब्रेड, पास्ता, चपाती इत्यादि का सेवन बंद करके यदि सच्चे आहार का सेवन करना शुरू कर दिया जाए,
जैसे के चावल, फल और सब्जियां है तो भी वजन घटाने में मदद ही होगी क्योंकि चावल चीनी की मात्रा को इतना नही बढ़ता है जितना गेहूं बढ़ाता है

और चावल में  अमलोपेक्टिन A और ग्लैडिन (जो भूक बढ़ता है )भी नही पाया जाता है।

चावल खाने से आप ज़रूरत से अधिक कैलोरीस का सेवन भी नहीं करेंगे, जैसे गेंहू में होता है।

इसीलिए तो वो सारे पश्चिमी देश जहाँ गेहूं का सेवन नहीं किया जाता वे ज़्यादा पतले और तंदुस्र्स्त होते है।

'न्यू यॉर्क टाइम्स' के सबसे अधिक बिकने वाली किताब "Wheat Belly"(गेहूं की तोंद) में से लिया गया अंश
लेखक: प्रसिद्ध हृदय-चिकित्सक Dr. विलियम डेविस, MD