नरेंद्र मोदी को "प्रधानमंत्री मोदी" बनाने का पूरा श्रेय उनके विरोधियों को जाता है ,पार्टी में एक सामान्य सी हैसियत से लेकर मुख्यमंत्री और फिर प्रधानमंत्री बनने तक विरोधी लगातार मुकर रहें ...लोग विरोध करते रहें और वो आगे बढ़ते गये ,विरोधियो ने रात दिन हर समय ,हर जगह इतना विरोध किया कि वो आम लोगों की नजर में हीरों बनाते चले गये कुलमिलाकर मोदी के उत्थान में विरोधियों का हाँथ रहा लेकिन अब पिछले कई दिनों से देख रहा हूँ कि मोदी के सहयोगी ,भाजपा के लोग ,सांसद उलजुलूल काम कर रहें है ,उटपटांग बातें कर रहें है ,बेवजह बयान दे रहें है जिससे मोदी की छवि खराब हो रही है ,काँग्रेस में तो ऐसे बयान देने वाला दिग्विजय सिंह जैसे एक दो ही लोग थे लेकिन भाजपा में तो ऐसे लोग बहुत ज्यादा है जो मोदी की विकास यात्रा के सबसे बड़े शत्रु है ..लोगों ने मोदी को "विकास " के नाम पर वोट दिया था ...गोडसे ,हरामजादे ,धर्मान्तरण ,मंदिर ,गीता ,हिन्दुराष्ट्र के लिए नहीं दिया ..लोगों को रोटी और रोजगार चाहिए ,ये सब ड्रामा नहीं चाहिए जो आजकल देश में चल रहा है ,जो देश में दिख रहा है ... कहने का सीधा मतलब ये कि मोदी का उत्थान उनके विरोधियों की वजह से हुआ था लेकिन मोदी का पतन उनके सहयोगियों की वजह से होगा ..आप ये बात अपनी डायरी में लिख लीजिए ..बाद में आपको मेरी बात याद आयेगी
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