Wednesday, October 2, 2013

मजबूती का नाम महात्मा गाँधी

शशांक द्विवेदी 
आज से 8 साल पहले तक (इंजीनियरिंग की पढाई तक ) मै गाँधी जी के बारे में बहुत ज्यादा खराब विचार रखता था .लेकिन एक दिन किसी ने गाँधी जी पर बहस के दौरान कहा कि आप गाँधी जी के बारे में जानते ही क्या है सिर्फ सुनी -सुनाई बातों पर बहस कर रहें है पहले एक बार उनके बारे में ठीक से जान तो लो ,उनके बारे में पढ़ लो फिर बात करना ..उसी दिन मैंने गांधी जी से सम्बंधित कई किताबे खरीदी जिसमे उनकी आत्मकथा "सत्य के प्रयोग " भी शामिल थी .उन सबको पढ़ा उसके बाद मुझे उनकी वास्तविक शक्सियत का एहसास हुआ ,मेरे विचार उनके बारे में बहुत अच्छे हो गये वाकई में वो लाजवाब व्यक्ति थे ,सत्य और अहिंसा को जीवन में अपनाना आसान बात नहीं है उन्होंने तो इन्हें ही अपने पूरे जीवन में हथियार बनाया .लोग कहते है मजबूरी का नाम महात्मा गाँधी लेकिन सच बात तो यह है कि मजबूती का नाम महात्मा गाँधी होना चाहिए ...क्योंकि सत्य और अहिंसा को मजबूत आदमी ही अपना सकता है ..आज के दिन उनका और सीधे ,सरल और मजबूत व्यक्तित्व के धनी पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन है ..इस अवसर पर दोनों महान आत्माओं को ह्रदय से याद करते हुए भावभीनी श्रधांजली ...

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