Tuesday, October 22, 2013

मेरी बेटी यूं ही हमेशा खुश रहे

आन्या के तीसरे जन्मदिन27फरवरी 2013 पर प्रियंका 
तीन साल पहले जब माँ बनी थी ,उस दर्द के एहसास की खुशी तो ताउम्र रहेगी। मां बनकर मैने अपनी बेटियों में अपना अक्स को अनुभव किया उनका बोलना,खेलना और न जाने क्या क्या। अब लगता है कि दो जिंदगियां ऐसी हैं जो सिफ मेरे और मेरे लिए है। उनके दूर होने के एहसास से मुझे तो डर लगता है। कभी डाटने पर मैं उनसे कहती हूं मैं चली जाउगी आप मुझे परेशान मत करो तो वे तुरंत मान जाती है क्योंकि  मेरे जाने का कहने से  मेरी बेटियों को भी मेरे दूर होने का एहसास सालता है। उनकी तोतली जुबान कहती है मम्मी आप नहीं जाओ नही तो मैं रो जाउगी और मुझे आपकी याद आएंगी। ऐसा लगता है कि कोई है जिसे मेरे दूर होने से या जाने से दर्द होता है। शायद यही रिश्ता है मां का बेटी का जो भगवान का दिया हुआ है जिसे हम दोनो महसूस करते हैं .अभी मेरी बेटी को दुनियाँ की समझ नहीं है, हमारे रिश्तों में शब्द नहीं है लेकिन एक एहसास है जिसे मैं नहीं भुलना चाहती। आज उसकी तीसरी बर्थ डे पर जब मैं उसकी प्लानिंग कर रही थी तो लग रहा था न जाने मैं उन्हें क्या क्या दे दू कि वो खुश रहे, उसकी मुस्कुराहट उसकी आंखों की चमक हमेशा यूं ही खिलती रहे। इसी उम्मीद से आज उसकी बर्थ डे सेलीब्रेट की, बहुत एंज्वाय किया इन यादगार पलों को  । मैं बहुत खुश हूँ और  सोच रही हूँ  कि समय ठहर जाए और मेरी बेटी यूं हमेशा खुश रहे।

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