Saturday, August 23, 2014

मेरे दो अनमोल रत्न (आन्या और आद्या )

शशांक द्विवेदी 
मुझे ड्राइंग /पेंटिंग/स्केच बनानी बिल्कुल नहीं आती ,बचपन से लेकर स्कूल /कॉलेज के दिनों में भी कुछ बनाने में भारी समस्या आती थी. आजकल मेरी पौने चार साल की बेटी आन्या दिन भर ड्राइंग /पेंटिंग/स्केच बनाती रहती है और मुझसे भी जबरदस्ती कुछ न कुछ बनवाती रहती है .मै बड़ी मुश्किल से कुछ बेकार सा ही बना पाता हूँ लेकिन फिर भी वो मुझे उलझाये ही रहती है .कुछ नही तो मुझसे कलर ही करवाती है स्केच में ..इसके साथ ही सोते समय 2 कहानी भी हर हाल में जबर्दस्ती सुनती है ,कहानी भी हर दिन नई होनी चाहिए रिपीट नही चलेगा ..मै कहता हूँ मम्मी से ड्राइंग बनवा लो ,कहानी सुन लो लेकिन वो सिर्फ मेरी ही रैगिंग लेती है ..दूसरी बात मेरे लैपटॉप पर भी वो अपना अधिकार समझती है ,कार्टून फिल्मे ,फोटो देखने के लिए ...मै जब भी लैपटॉप पर काम करने की कोशिश करता हूँ तो मम्मी से शिकायत करते हुए कहती है मम्मी देखो पापा फिर से फेसबुक कर रहें है !! समझा दो इन्हें ...कुलमिलाकर जबर्दस्त शैतान है लेकिन पढ़ने -लिखने में बहुत ज्यादा इंटरेस्ट है अभी से ... फिजिकल खेलकूद में भी आगे है /अडवेंचरस है..आन्या की देखादेखी आद्या (कुनू ) जो अभी पौने २ साल की है उसे भी पढाई का शौक चढ़ गया है कुछ न कुछ लिखती रहती है ...लिखना तो अभी आता नहीं इसलिए कॉपी पर आड़ी -तिरछी रेखाएं बनाती रहती है ...











No comments:

Post a Comment