आज फेसबुक पर अपनी एक कविता पोस्ट करने के बाद मैंने चैट रूम में
उपस्थित अपने कुछ मित्रों को इसे पढ़ने और इस पर टिप्पणी करने के लिए मैसेज किया
(वो भी इसलिए क्योंकि अखबारों में कॉलम नियमित लिखने के बजाय मै कवितायेँ कभी कभार
ही लिखता हूँ )उसमे एक मैसेज uttama dixit,(ये BHU,Banaras me art deptt. me Asstt.Professor
hai ) को भी चला गया .उसे देखते ही वो भड़क गयी
बोली कि तुमने कभी मेरी पेंटिंग पर कमेन्ट किया है ,पहले तुम करो ... मैंने कहा कि
आप तो बार्गेनिंग जैसे कर रही है , मैसेज किया है इसके लिए माफी चाहता हूँ इसके बाद तो वो
बेहूदा जबान पर आ गई बोली कि “तुम इसी के काबिल हो “..पढ़कर सन्न रह गया ,बड़ा बुरा
लगा इसके बाद तो उन्होंने अपनी पेंटिंग और सरकारी नौकरी के घमंड की हद पार कर दी ..कई
आपत्तिजनक बात कही ,फिर आत्मसम्मान के लिए
मुझे भी अपने बारे में बताना पड़ा (pls see full conversation) लेकिन इस घटना से मुझे पता चला कि कला,साहित्य
जगत से जुड़े कुछ लोग इतने ज्यादा असहिष्णु,घमंडी हो गयें है कि आप कल्पना भी नहीं
कर सकते .ऐसे लोग कला और साहित्य के क्षेत्र में कलंक है
जिनको बात करने की तमीज नहीं है ,जिन्हें अपनी सरकारी नौकरी और कला का इतना बड़ा
घमंड है वो क्या कला ,साहित्य /पेंटिंग की बात करेंगे ..ऐसे लोगों की वजह से ही
साहित्य /कला के क्षेत्र से आम आदमी का
जुड़ाव नहीं हो पा रहा है ..जब आपमें मानवीय मूल्य ही नहीं है तो आप किस बात के
कलाकार ,वो तो सब मशीनी है ..
Uttama से हुए
पूरे कन्वर्सेशन को मै हुबहू आपके सामने रख रहा हूँ ,अब आप ही देखिये और अपनी राय
दीजिए
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Conversation started
today
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9:18pm
नमस्कार
एक कविता लिखी है ,,फेसबुक में अभी
पोस्ट की है जरा गौर फरमाइयेगा ...
आपकी टिप्पणी अपेक्षित है ..
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9:20pm
aapne meri painting pe kbhi comment kiya hai?
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9:21pm
मैंने अभी देखी
नही ...देखता हू ,देखकर जरुर करूँगा ..
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9:23pm
pahle kar lijiye
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9:25pm
aap to bargaing jaisa kuch kar rahi hai ...
kya aap se kah kar
maine galati kar di
maaf kijiye dubara
nahi kahunga..
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9:31pm
aap isi kabil hain
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9:34pm
आपमें तो बात करने
की ही तमीज नहीं है ..ऐसी भाषा का इस्तेमाल कर रही है ,,मैंने आपको कुछ
गलत तो नहीं बोला था ..हाँ आप को बता दू आप मेरी काबिलियत के बारे कुछ नहीं जानती
या सोच भी नहीं सकती ..पहले अपनी भाषा शैली सुधारे ...
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9:41pm
आप कैसी कलाकार है
जब आपमें इंसानियत ही नहीं है ..आप जैसे कलाकार ही कला को बदनाम करते है ...अपने
ऊपर ज्यादा घमंड करने की जरुरत नहीं है ..बेहतर होगा पहले मेरे और मेरी काबिलियत
के बारे में जान जाएँ ..आपकी बेहूदा टिप्पणी ने तो मुझे एक बार फिर कला और
कलाकारों के बारे में सोचने को मजबूर कर दिया ..काश आप यह सब समझ पाती !!
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9:42pm
बेहतर है अपने
बारे में सोचें। एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कालेज में टीचर, आगरा के हिंदुस्तान कालेज से बीटेक... क्या खास है आपकी प्रोफाइल
मं जो इतना घमण्ड हैै आपको
आप फ्रेंड लिस्ट में रहने के लायक
नहीं
ब्लाक भी करती हूं आपको
मांगकर कमेंट कराते हैं आप
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9:44pm
वर्तमान में सेंट
मार्गरेट इंजिनियरिंग कॉलेज ,नीमराणा(राजस्थान )में असिसटेंट प्रोफेसर के साथ साथ स्वतंत्र लेखक
एवं पत्रकार के रूप में भी कार्य.पिछले १० सालों से स्तंभकार के रूप में देश के
लगभग सभी प्रमुख हिन्दी समाचार पत्रों, नवभारतटाइम्स , हिंदुस्तान ,दैनिक जागरण ,जनसत्ता ,दैनिक भास्कर ,प्रभातखबर,अमर उजाला ,राष्ट्रीय सहारा ,नई दुनियाँ,राजस्थान पत्रिका ,जनसंदेश टाइम्स,डीएनए ,नेशनल दुनियाँ ,ट्रिब्यून ,द सी एक्सप्रेस ,दैनिक आज ,कल्पतरु एक्सप्रेस
,हरिभूमि में नियमित रूप से स्वतंत्र लेखन . लेखों के मुख्य विषय
शिक्षा ,विज्ञान और तकनीक है . प्रिंट मीडिया में ,विज्ञान और तकनीकी
विषय पर लिखने वाले प्रमुख लेखक के रूप में पहचान . अखबारी लेखन के माध्यम से आम
आदमी को विज्ञान,तकनीक और प्रौद्योगिकी को आम आदमी के लिए रुचिकर बनाने का प्रयास
.इंजीनियरिंग की पढाई करते समय ही प्रमुख हिन्दी अखबार “अमर उजाला” के लिए नवीनतम
तकनीक और प्रौद्योगिकी से सम्बंधित कॉलम “साइबर बाइट्स “ से तकनीकी लेखन की
विधिवत शुरुवात .तकनीक और प्रौद्योगिकी से सम्बंधित “टेक्नीकल टूडे” पत्रिका के मुख्य
प्रतिनिधि के रूप में भी कार्य .सूचना और प्रसारण मंत्रालय ,भारत सरकार की
प्रमुख पत्रिका “योजना”,टेक्नीकल टूडे ,दस्तक टाइम्स,कादम्बिनी आदि में भी लेख प्रकाशित. सदस्य ,अखिल भारतीय
स्वतंत्र लेखक मंच ,नई दिल्ली .
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9:44pm
हा हा हा
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9:44pm
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9:44pm
आप मुझे मैसेज न
करें, कतई
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9:45pm
ये मेरी website hai देख लीजिए
अभी परसों ही देश के कुछ अखबारों में मेरे लेख आये थे
वो भी संपादकीय पेज पर
लेकिन मुझे आप जैसा घमंड नहीं है
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9:47pm
नवभारत टाइम्स(NBT) के संपादकीय पेज
पर इसरो पर मेरा लीड आर्टिकल प्रकाशित हुआ है ..इसके साथ ही प्रतिष्ठित पत्रिका
"शुक्रवार" ने भी इसी हफ्ते के अंक में मेरा लेख प्रकाशित किया है
..नवरात्रि के पहले दिन ही NBT
और "शुक्रवार" में लेख आया
है इसलिए काफी खुशी हो रही है ..आज ही भारत सरकार की प्रमुख पत्रिका
"कुरुक्षेत्र" का इसी महीने अप्रैल का अंक मिला जिसमे दुसरी हरित
क्रांति पर मेरा विशेष लेख प्रकाशित हुआ है ..इन सब में पहले भी मेरे लेख आते रहें
है लेकिन जब किसी विशेष दिन कुछ आता है तो ज्यादा खुशी होती है.. .
आपको विक्रम संवत 2070 और चैत्र नवरात्र
की हार्दिक शुभकामनाएँ....
Article link(pls click to see)
http://navbharattimes.indiatimes.com/thoughts-platform/viewpoint/isro/articleshow/19478361.cms
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9:47pm
१० दिन पुराना msg hai dekh le
mere baare me pata
chal jayega
देश के जितने अखबारों का आपने नाम
सुना है /देखा है उन सभी में लिखता हूँ ..
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9:56pm
हा हा हा
... तो फिर कविता पर कमेंट क्यों मांगना पड़ गया आपको? इस सवाल के साथ
शुभ रात्रि। अच्छी लगेगी तो मित्रगण कमेंट करेंगे ही ना!
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10:24pm
क्योंकि कवितायेँ
मै शौकिया तौर पर ही और कभी -कभी लिखता हू जबकि स्तंभकार के रूप में नियमित
अखबारों में लिखता हूँ ..इसलिए मित्रों से कमेन्ट माँग लिया बस ...आपने अपने ब्लॉग
कला जगत में जिन सुभाष राय का नाम दिया है उनके अखबार जनसंदेश टाइम्स में तो मै
पिछले २ साल से नियमित कॉलम लिख रहा हूँ ,जब वो अमर उजाला आगरा में थे तब अमर
उजाला आगरा के लिए कॉलम लिखता था .परसों २२ अप्रैल को मेरे लेख दैनिक जागरण
(राष्ट्रीय ),राष्ट्रीय सहारा ,लोकमत ,DNA,ट्रिब्यून ,जनसंदेश टाइम्स,जनवाणी आदि में प्रकाशित हुए है .आप मेरी website me www.vigyanpedia.com में कुछ लेख देख
सकती है ..मै ये सब आपको बताना नहीं चाहता था लेकिन आपने मेरे स्वाभिमान पर चोट की
इसलिए बता रहा हूँ ..anyway उत्तमा जी अपने और अपनी कला के बारे में इतना घमंड (कि मै सरकारी
और तुम प्राइवेट ) ठीक नहीं है ..एक बात जान लेना कि आज के दौर में सरकारी जैसा
कुछ नहीं होता जिसमे काबिलियत होती है वही चलता है वही बोलता है ..ये जो आपका घमंड
है ये कही आपको ले न डूबे..कम से कम इंसान बनना तो सीखिए ..आज दिल से सोचियेगा कि
आपने कैसा व्यवहार किया है ?अगर आप वाकई कलाकार है तो आपकी आत्मा सही जवाब देगी ..आपके व्यवहार
से आहत जरुर हूँ फिर भी आपके लिए शुभकामनाएँ..और शुभरात्रि ...