कल प्रकाशन विभाग (भारत सरकार ) की पत्रिका " योजना " में फरवरी २०१३ में छपे मेरे एक लेख (वैज्ञानिक अनुसंधान पर उदासीनता) का चेक (पारिश्रमिक) मिला . अच्छा लगा और थोड़ा दुःख भी हुआ कि ६ महीने पहले भेजे उस लेख को मै भूल चुका था ,मुझे पता भी नहीं था कि मेरा कोई लेख फरवरी में आया है ,इस बाबत मुझे न कोई सूचना मिली न ही उस महीने की वो प्रति मुझे भेजी गयी .लेकिन मुझे इस बात की बेहद खुशी है कि मेरे इस लेख को "योजना " के संपादकीय विभाग ने कंशीडर किया जबकि इस लेख में मैंने बहुत सारी बाते सरकार की नीतियों के विरोध में लिखी थी,लेकिन वो सच थी .मुझे उम्मीद नहीं थी कि इतनी महत्वपूर्ण सरकारी पत्रिका में वो लेख कंशीडर होगा ..इसके लिए योजना की संपादक रेमी कुमारी को धन्यवाद ..
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