समय से
डर लगता है
अच्छे समय से भी
और बुरे समय से भी
अच्छा समय
गुजरता है ,दौड़ता है
भागता है जल्दी
और बुरा समय
रुकता है
और ठहर जाता है
इसीलिये समय से
डर लगता है
लेकिन समय किसी के
चाहनें से नहीं
रुकता
बस चलता जाता है
हमारी ही द्रष्टि
उसे तेज और धीमा
बनाती है
जबकि वह तो
चलता है
निर्बाध गति से
सामान्य गति से
अपनी ही गति से
समय को बाँटती है
हमारी द्रष्टि
अच्छा समय
और बुरा समय
लेकिन समय के
रुकने का मतलब है
जीवन का
रुक जाना ,थम जाना
क्योंकि समय जुड़ा है
जीवन से
और जीवन जुड़ा है समय
से
दोनों पूरक है एक
दूसरें के
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