Monday, December 31, 2012

इंसानियत की मौत

"दामिनी " की मौत के बाद से मन बहुत व्यथित है ,दामिनी की मौत एक सामन्य मौत नहीं है ये इंसानियत की मौत है ,आम आदमी के भरोसे की मौत है ,युवाओं/महिलाओं के उम्मीदों की मौत है ...इस मौत में हम सब गुनहगार है ..इस मौत ने हम सब के सामने ,समाज के सामने बहुत सारे प्रश्न खड़े कर दिए है जिनका उत्तर अगर अभी नहीं तलाशा गया तो शायद भविष्य हमें प्रश्न करने का भी मौका नहीं मिलेगा ...यह समय किसी और पर आक्षेप लगाने का नहीं बल्कि अपने भीतर झाकने का है ..दामिनी को सच्ची श्रधांजली सिर्फ यही हो सकती है कि आज से ही हम सब महिलाओं के प्रति अपने व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाएं ,उन्हें घर के अंदर और बाहर सम्मान दे ....ईश्वर करे ये जघन्यतम कृत्य किसी भी बेटी के साथ कभी न हो ...दामिनी को भावभीनी और अश्रुपूर्ण श्रधांजली..

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