Tuesday, July 30, 2019

सेहत की साइकिल

सेहत की साइकल
Cycle Shopping Tips

साइकल एक, काम अनेक! स्पोर्ट्स, एक्सरसाइज, ट्रांसपोर्ट, ट्रैवल... तमाम चीजों के काम आती है साइकल। बच्चों से लेकर बड़ों तक, आने-जाने से लेकर माउंटेनियरिंग तक के लिए कैसी-कैसी साइकल मार्केट में हैं, साइकल खरीदते समय क्या ध्यान रखें और साइक्लिंग के दौरान कौन-सी सावधानियां बरतें, मार्केट घूमकर और एक्सपर्ट्स से बात करके तमाम जानकारियां दे रही हैं प्रियंका सिंह

बच्चों के लिए साइकल
साइकल चलाना बच्चों को बहुत पसंद आता है। कई बार बच्चे, यहां तक कि बड़े भी साइकल, बाइसाइकल और बाइक नाम के बीच कन्फ्यूज हो जाते हैं कि साइकल के लिए सही शब्द क्या है। दरअसल, 2 पहियों की किसी भी सवारी को बाइक कहा जाता है, इसलिए साइकल को भी बाइक कह दिया जाता है, जबकि इसके लिए इंग्लिश में बाइसाइकल और हिंदी में साइकल शब्द है। बहरहाल, बच्चों के लिए इन दिनों अलग-अलग तरह की साइकल मार्केट में मौजूद हैं। बच्चों के लिए साइकल खरीदते हुए वील के आकार का ध्यान रखना जरूरी है। बच्चों के लिए 12 इंच के वील से लेकर 26 इंच के वील तक की साइकल आती हैं। लड़कियों के लिए अलग साइकल भी आती हैं, जिनमें आगे का डंडा नहीं होता लेकिन आजकल ज्यादातर यूनिसेक्स यानी लड़के और लड़कियों के लिए कॉमन साइकल ही इस्तेमाल की जाती हैं।

2 साल तक के लिए
इन बच्चों के लिए 12 इंच वील वाली साइकल ठीक रहती है।
कीमत: 2000 रुपये से 5000 रुपये

2-4 साल तक के लिए
इनके लिए 14 इंच वील वाली साइकल लेनी चाहिए।
कीमत: 2200 रुपये से 6000 रुपये

नोट: अच्छी बात यह है कि अब 2-4 साल के बच्चों के लिए भी साइकल का ऑप्शन है जबकि पहले सिर्फ इनके लिए ट्राइसाइकल होती थी। साइकल आमतौर पर 2 साल तक चल जाती है जबकि ट्राइसाइकल करीब छह महीने ही चलती है। बच्चों की साइकल में साइड वील या सपोर्टर लगे होते हैं, जो साइकल को बैलेंस करते हैं और गिरने से रोकते हैं।

4-6 साल तक के लिए
इस उम्र के बच्चों के लिए 16 इंच वील वाली साइकल लें।
कीमत: 2500 रुपये से 7000 रुपये तक

6-9 साल तक के लिए
इन बच्चों के लिए 20 इंच वील वाली साइकल लेनी चाहिए। 20 इंच से ऊपर सपोर्टिंग वील नहीं होते।
कीमत: 2700 रुपये से 10,000 रुपये तक

10-12 साल तक के बच्चों के लिए
इनके लिए 24 इंच साइज के वील वाली साइकल बेहतर है।
कीमत: 3500 रुपये से 15,000 रुपये तक

12 साल से बड़े बच्चों के लिए
इनके लिए अडल्स साइज यानी 26 इंच वील वाली साइकल लेनी चाहिए।
कीमत: 3500 रुपये से 4 लाख रुपये तक

सेफ्टी है जरूरी
बच्चों के लिए साइकल खरीदते समय हेल्मेट, घुटने और कोहनी के गार्ड (Knee and Elbow Guard), ग्लव्स आदि भी खरीदें। ये तमाम चीजें साइकल से गिरने पर बच्चों को चोटिल होने से बचाती हैं।

साइकल खरीदते वक्त रखें ध्यान
- बच्चों की साइकल खरीदते हुए ध्यान रखें कि सीट, ग्रिप, पैडल, बास्केट आदि में इस्तेमाल की गई प्लास्टिक नॉन टॉक्सिक हो ताकि बच्चा मुंह में डाल ले तो भी नुकसान न हो।
- साइकल का वजन कम हो, साइकल मजबूत हो और वह चलाने में स्मूद हो।
- बच्चों की साइकल में अजस्टेबल सीट लें यानी सीट ऐसी हो जो जरूरत पड़ने पर ऊपर-नीचे की जा सके। इस तरह की सीट में ऊंचाई 6 इंच तक बढ़ जाती है यानी साइकल लंबे समय तक इस्तेमाल की जा सकती है। साथ ही, सीट को बच्चे की हाइट के अनुसार भी अजस्ट किया जा सकता है।
- बच्चों को गीयर वाली साइकल भी दिला सकते हैं, लेकिन इसमें सपोर्टिंग वील नहीं होते इसलिए इस गीयर वाली साइकल चलाने के लिए बच्चे की उम्र कम-से-कम 10-11 साल होनी चाहिए। और हां, उसे साइकल चलानी भी आनी चाहिए क्योंकि साइड में सपोर्टिंग वील न होने से गिरने का डर रहता है।
- साइकल के टायर कॉटन के बजाय नायलॉन के हों तो बेहतर है। इसी तरह, नॉर्मल ब्रेक के मुकाबले पावर ब्रेक बेहतर हैं।
- पहले के मुकाबले अब साइकल की सीट छोटी हो गई हैं। इसकी वजह यह है कि छोटी सीट वाली साइकल देखने में स्मार्ट लगती हैं। अगर सीट छोटी लगे तो साइकल खरीदते वक्त ही बड़ी सीट लगवा लें तो बेहतर है। 200-300 रुपये लेकर दुकानदार सीट बदल देते हैं।
- साइकल चलाते हुए ऊंचाई का हमेशा ध्यान रखें। देखें कि साइकल सीट की हाइट और पैडल के बीच हाइट ठीक हो। सीट इतनी ऊंचाई पर हो कि चलाते हुए पैर सीधा हो। पैर मोड़कर साइकल चलाएंगे तो घुटनों में दर्द हो जाएगा और एक्सरसाइज का पूरा फायदा भी नहीं मिलेगा।

बड़ों के लिए साइकल
आजकल बड़े लोगों में साइक्लिंग का क्रेज बढ़ा है। बड़ों के लिए 27.5 इंच वील से लेकर 29 इंच वील तक की साइकल आती है। अगर किसी की हाइट करीब 5 फुट है तो साइकल का वील साइज 26 इंच, हाइट लगभग 5.5 इंच है तो वील साइज 27.5 इंच और हाइट 5.7 इंच या ज्यादा है तो वील साइज 29 इंच तक होना चाहिए। इसके अलावा, साइकल खरीदते हुए उसके मटीरियल, शॉकर, ब्रेक, लाइट आदि चीजों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। मार्केट में इन दिनों अलग-अलग वैरायटी की साइकल मौजूद हैं। जिनमें खास हैं:

स्टैंडर्ड साइकल
28 इंच टायरों वाली यह साइकल साधारण या निम्न तबके के लोग आने-जाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह साइकल के सबसे पुराने रूपों में से है।
कीमत: 3500 रुपये से 4000 रुपये

हाइब्रिड साइकल
यह पतले टायरों वाली आम साइकल होती है, जो खासतौर पर शहरों की सड़कों को ध्यान में रखकर बनाई जाती है। लोग आने-जाने या फिर नॉर्मल एक्सरसाइज के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। इसमें 2 तरह की साइकल आती हैं। बिना गीयर वाली और गीयर वाली।

बिना गीयर वाली: ज्यादातर लोग यही साइकल लेना पसंद करते हैं।
कीमत: 7500 रुपये से 10,000 रुपये

गीयर वाली साइकल
इस साइकल में गीयर होते हैं। 10-12 साल के बच्चों से लेकर किसी भी उम्र तक के लोग इसे चला सकते हैं। इसे चलाने में ज्यादा ताकत नहीं लगानी पड़ती इसलिए ज्यादा देर तक बिना थके साइकल चला सकते हैं और ऊंचाई पर भी आसानी से चढ़ा सकते हैं। हां, यह गलतफहमी है कि गियर वाली साइकल ज्यादा तेज चलती है। लेकिन इसकी प्रतिरोधक क्षमता काफी अच्छी होती है और गिरने के चांस कम होते हैं। अपने देश में शिमानो (Shimano) के गीयर सबसे ज्यादा चलते हैं लेकिन इसमें भी अलग-अलग प्रकार होते हैं। शिमानो में बेसिक गीयर हैं TZ, फिर Tourney, फिर Altus, इसके बाद Acera आदि आते हैं।
कीमत: 14,000 रुपये से शुरू

MTB
माउंटेन टैरिन बाइक ज्यादातर पहाड़ी और ऊबड़-खाबड़ इलाकों के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इनमें पहिए मोटे होते हैं। इनकी एक खासियत भी है कि इनमें शॉकर यानी सस्पेंशन लगे होते हैं। इसमें भी 2 कैटिगरी होती हैं: हार्ड ट्रेल साइकल और सॉफ्ट ट्रेल साइकल।

हार्ड ट्रेल साइकल: इसमें सिर्फ फ्रंट सस्पेंशन यानी आगे की तरफ एक शॉकर लगा होता है और इसे सिंगल शॉकर साइकल भी कहते हैं।
कीमत: 7500 रुपये से लेकर 12000 रुपये

सॉफ्ट ट्रेल साइकल: इसे ड्यूल सस्पेंशन या डबल शॉकर साइकल भी कहा जाता है। इसमें फ्रंट और रियर, दो सस्पेंशन होते हैं। इससे ऊबड़-खाबड़ सड़कों पर इस पर झटके कम लगते हैं।
कीमत: 10,000 रुपये से 30,000 रुपये
नोट: यहां बेसिक कीमतें दी गई हैं। खासियतों के आधार पर एक अच्छी MTB की कीमत 20,000 से लेकर लाखों तक जाती है।

डिस्क ब्रेक्स वाली साइकल
डिस्क ब्रेक होने से अचानक ब्रेक लगाने पर साइकल लड़खड़ाती कम है। इससे साइकल को अचानक ब्रेक लगाना आसान होता है। साइकल पलटने के चांस भी कम हो जाते हैं।
कीमत: सिंगल स्पीड: 6,000 रुपये से शुरू, मल्टी स्पीड: 8,000 रुपये से शुरू

फोल्डिंग साइकल
यह साइकल बीच से फोल्ड हो जाती है और इसे आसानी से बैग के अंदर रखकर एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं। साइक्लिंग के शौकीन इसे कार या मेट्रो में रखकर ले जाते हैं और जहां मर्जी हुई वहां चलाते हैं। मेट्रो में खुली साइकल लेकर जाना मुमकिन नहीं है लेकिन बैग में बंद है तो ले जा सकते हैं। यह काफी हल्की होती है और इसे एक जगह से दूसरी जगह लेकर जाना आसान होता है। कुछ एक्सपर्ट यह भी मानते हैं कि झटका लगने पर इनके बीच का हुक खुल सकता है। हालांकि आमतौर पर ऐसा होता नहीं है। इंडिया में डहॉन (Dahon) ब्रैंड की फोल्डिंग साइकल ज्यादा मिलती हैं। हालांकि बिट्विन (Btwin) और गो ए-वन(GogoA1) आदि कंपनियों की भी मिल जाती हैं। साथ ही, गैर-ब्रैंडिड में चाइनीज़ साइकल भी आती हैं।
कीमत: 15,000 से शुरू

रेसिंग बाइक
इसे रोड साइकल भी कहते हैं। इसके पहिए पतले होते हैं और वजन कम होता है। यह आमतौर पर स्पोर्ट्स कॉम्पिटिशन में इस्तेमाल होती है। यह आरामदेह और ज्यादा समतल सड़कों के लिए बनी होती है, न कि साधारण सड़कों के लिए।
कीमत: 25,000 से 3-4 लाख रुपये तक

टेंडम साइकल
इसे अगर फिल्मी साइकल कहा जाए तो गलत नहीं होगा क्योंकि इसे लोग ज्यादातर टशन के लिए खरीदते हैं। इसमें एक ही साइकल में 2 हैंडल और 2 सीट होती हैं यानी एक साथ 2 लोग चला सकते हैं इसे। इंडिया में रैले (Raleig) कंपनी की टेंडर साइकल आती हैं।
कीमत: 17000 रुपये से 20000 रुपये तक

इलेक्ट्रिक साइकल
यह साइकल भी आम साइकल की तरह की चलाई जाती है, लेकिन इसमें चार्जेबल बैटरी लगी होती है। यह बैटरी 6 घंटे में फुल चार्ज हो जाती है और 2-3 दिन चल जाती है। ऊंचाई पर चढ़ने के वक्त यह अपने आप इलेक्ट्रिक साइकल में बदल जाती है और बिना किसी प्रेशर के आसानी से ऊपर चढ़ जाती है। अपने देश में इलेक्ट्रा (Electra) नाम से हीरो कंपनी की साइकल आती है। इसके अलावा ऑनलाइन चाइनीज़ साइकल भी खरीद सकते हैं।
कीमत: एलेक्ट्रा 30,000 रुपये के करीब, चाइनीज 15-17 हजार रुपये लगभग

स्नो या सैंड साइकल
यह साइकल बर्फ या रेत में आसानी से चलाई जा सकती है। देखने में भी स्टाइलिश लगती हैं ये। इन्हें फैट साइकल भी कहते हैं क्योंकि इनके पहिये मोटे होते हैं। आम साइकल का पहिया 2 इंच का होता है जबकि मोटे टायर वाली साइकल का पहिया 4 इंच का होता है। मोटे पहियों वाली साइकल की ग्रिप सड़क पर थोड़ी बेहतर होती है।
कीमत: 20,000 रुपये से 35,000 रुपये तक में आती है ब्रैंडेड, जबकि चाइनीज 14-15 हजार रुपये में आ जाती है।

स्टेशनरी साइकल
स्टेशनरी साइकल एक्सरसाइज के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। इनमें पहिये नहीं होते। ये काफी मजबूत होती हैं और जब तक जोर लगाकर इन्हें सरकाया नहीं जाए, ये एक ही जगह पर स्थिर रहती हैं। इनमें Proline, Lifeline, Fitking, Cardio Max, Kobo, Cockatoo आदि कई ब्रैंड्स की साइकल आती हैं।
कीमत: 6000 रुपये से शुरू

अलग-अलग फ्रेम की साइकल
साइकल की कीमत कई चीजों पर निर्भर करती है, जैसे कि मटीरियल, शॉकर, डिस्क ब्रेक, प्रिंटेड स्टीकर, फ्लोरेसेंट कलर आदि। इन तमाम चीजों के आधार पर साइकल की कीमत 2000 रुपये से लेकर 3-4 लाख रुपये तक हो सकती है। वैसे, बेसिक मटीरियल के आधार पर साइकलों को इस तरह बांट सकते हैं:

1. आयरन फ्रेम: यह साइकल आयरन से बनी होती है और वजन में भारी होती है। यह आमतौर पर 17-18 किलो वजनी होती है। रुटीन इस्तेमाल के लिए यह सबसे सही है।
कीमत: 7,500 रुपये से 12,000 रुपये तक

2. अलॉय फ्रेम: इसे अल्युमिनियम की साइकल भी कहा जाता है। यह आयरन साइकल के मुकाबले हल्की होती है। मोटेतौर पर इसका वजन 13.5 किलो से 14.5 किलो तक होता है। बहुत लंबी दूरी तक साइकल चलाने वाले इसे खरीदना पसंद करते हैं।
कीमत: 12,000 रुपये से 30,000 रुपये तक

3. कार्बन या टाइटेनियम फ्रेम: यह साइकल वजन में बहुत हल्की होती है। वजन महज 4-5 किलो होता है। यह स्पेशलाइज्ड (Specialized), जाएंट (Giant), ट्रेक (Treck), लातेयर (Lattire) आदि ब्रैंड्स में आती है। साइक्लिंग का जुनून रखने वाले लोग इसे खरीदते हैं।
कीमत: 3-4 लाख रुपये

साइकल के टॉप ब्रैंड्स
इंडियन ब्रैंड्स: Hero, Hercules, Avon, Atlas, BSA
विदेशी ब्रैंड्स: Firefox, Raleigh, Sovereign, Suncross
नोट: आमतौर पर देसी और विदेशी ब्रैंड्स में बेसिक चीजें तो एक जैसी ही होती हैं, ज्यादा फर्क फिटिंग और फिनिशिंग का होता है। इसी के आधार पर रेट भी काफी बढ़ जाते हैं। ज्यादातर ब्रैंड अपने नाम से असेसरीज भी निकालते हैं।

साइकल के सेफ्टी टूल्स
साइकल चलाते हुए सेफ्टी का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है, वरना गिरकर चोट लग सकती है। इसके लिए हमारे पास कुछ चीजें जरूर होनी चाहिए और बेहतर है कि इन्हें साइकल के साथ ही खरीद लिया जाए। वैसे भी आजकल ज्यादातर साइकल कंपनियां अपनी असेसरीज़ बनाती हैं।

हेल्मेट: साइकल चलाते हुए हेल्मेट जरूर पहनना चाहिए। ध्यान रहें कि हेल्मेट सिर्फ फैशन या दिखावे के लिए न हो बल्कि अच्छी क्वॉलिटी वाला हो।
कीमत: 1000 रुपये से 3000 रुपये

ग्लव्स: आमतौर पर फैशन स्टेटस समझे जानेवाले ग्लव्स साइकल पर पकड़ तो अच्छी बनाते ही हैं, गिरने पर हाथों को चोटिल होने से भी बचाते हैं।
कीमत: 250 रुपये से 5000 रुपये

चश्मा: साइकल चलाते हुए आंखों पर चश्मा जरूर लगाएं। यह धूल-कंकड़-कीड़े आदि से आंखों को बचाता है। दिन में सनग्लास और रात में प्लेन चश्मा लगाएं।
कीमत: 2000 से 10000 तक

मास्क (Buff Mask): लंबी दूरी तक साइकल चला रहे हैं तो बफ मास्क का इस्तेमाल करें। इसे पहनने से चेहरा धूप और धूल से बचा रहता है।
कीमत: 50 -100 रुपये

घुटने और कोहनी के गार्ड: इनकी जरूरत बच्चों को होती है। बड़ों के लिए ये जरूरी नहीं हैं। ये गिरने पर कोहनी और घुटने को चोटिल होने से बचाते हैं।
कीमत: 600 रुपये से 2500 रुपये

रिफ्लेक्टर जैकिट: यह जैकिट अंधेरे में चमकती है और इसकी वजह से दूसरे लोग आपको आसानी से देख पाते हैं। इससे एक्सिडेंट होने की आशंका कम हो जाती है।
कीमत: 1000 रुपये से 1500 रुपये

साइकल की असेसरीज़
साइकल सीट कवर: इन्हें जेल कवर भी कहते हैं। ये साइकल की सीट को आरामदेह बना देते हैं।
कीमत: 500-5000 रुपये

लाइट्स
सेल वाली लाइट: 300-500 रुपये का सेट आता है। इनकी बैटरी 2 घंटे तक चल जाती है।
रिचार्जेबल लाइट: 550-600 रुपये का सेट आ आता है। बैटरी चार्ज होने के बाद 5 घंटे तक चल जाती है।

रिफ्लेक्टर
इन्हें साइकल के आगे या पीछे लगाया जाता है। रोशनी पड़ने पर ये चमकने लगते हैं। इनकी वजह से साइकल सवार दूर से नजर आ जाता है और रोड पर सेफ रहता है। ये साइकल के साथ ही आते हैं।
कीमत: अलग से खरीदने पर 200-300 रुपये में मिल जाते हैं।

टूल किट
घर से दूर साइकल लेकर जा रहे हैं तो उसमें एक टूल किट जरूर रखना चाहिए। इस टूल किट में पंचर रिपेयर, टायर खोलने वाला इक्विमेंट, स्पैनर, एक्स्ट्रा ट्यूब, लुब्रिकेशन ऑयल आदि होना चाहिए।
कीमत: 500-800 रुपये

फर्स्ट-एड: डेटॉल, कॉटन, बैंड-एड, पट्टी, एंटी-सेप्टिक सलूशन आदि
कीमत: 300-500 रुपये
नोट: जब भी दूर तक साइक्लिंग के लिए निकलें, सनस्क्रीन लगाकर जाएं। साथ में पानी की बोतल जरूर रखें। खाने के लिए एनर्जी बार आदि भी रखें।

साइकल की ऐसे करें देखभाल
आमतौर पर 1000 किमी चलने के बाद साइकल की सर्विस करा लेनी चाहिए। साइकल में स्पीड और दूरी नोट करने के लिए स्पीडोमीटर भी लगवा सकते हैं। यह 600 रुपये से लेकर 15000 रुपये तक में मिलता है। सर्विस के लिए 500-600 रुपये तक चार्ज किए जाते हैं। लेकिन सर्विस के बिना भी आप अपनी साइकल का रखरखाव कर सकते हैं। हर 3-4 महीने में अपनी साइकल के ब्रेक, गियर और चेन का अजस्टमेंट कराएं। चेन पर तेल लगाना चाहिए खासकर बारिश के दौरान, वरना उस पर जंग लग सकती है। इसके लिए अलग से तेल आता है। आप चाहें तो डीजल या कोई भी तेल इस्तेमाल कर सकते हैं। वैसे, मार्केट में चेन लुब्रिकेंट भी आते हैं। इसमें मॉटेल, WD40, जौरिक आदि पॉपुलर ब्रैंड हैं। इनके 200 मिली बॉटल की कीमत 400-500 रुपये होती है। इसके अलावा, साइकल में पंचर लगाना सीखना भी जरूरी है, खासकर अगर आप लंबी दूरी तक साइकलिंग करते हैं।

ये ऐप हैं कारगर
Starva: यह ऐप साइकल चलाने के दौरान आपकी स्पीड, टाइम, दूरी आदि का रेकॉर्ड रखता है। साथ ही, आप इस दौरान कितनी कैलरी बर्न हुईं, यह भी जान सकते हैं। यह ऐप एंड्रॉयड और iOS, दोनों के लिए है।
Runtastic: इस ऐप की मदद से आप अपनी साइकल की स्पीड, तय की गई दूरी और इसमें लगे टाइम का रेकॉर्ड रखते हैं। एंड्रॉयड और iOS, दोनों के लिए यह ऐप मौजूद है।
Wahoo app: इस ऐप के जरिए आप अपनी राइड्स पर निगाह रख सकते हैं। साथ ही हार्ट रेट मॉनिटर, स्पीड सेंसर आदि के साथ भी कनेक्ट किया जा सकता है। यह ऐप एंड्रॉयड और iOS, दोनों के लिए है।

एक्सपर्ट पैनल
पुनीत मेहता, डायरेक्टर, डिप्लोमैट साइकल्स
आशीष अग्रवाल, ओनर, टॉयज़ प्लस
हरमन जीत सिंह, डायरेक्टर, कैपिटल साइकल्स

संडे नवभारत टाइम्स 

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